निषाद पार्टी सुप्रीमो ने रामराज्य और रावणराज के फर्क करते हुए कहाकि, जिस तरह भगवान राम ने निषादराज को गले लगाया था, ठीक उसी तरह पीएम मोदी, सीएम योगी और भाजपा नेताओं ने उन्हें प्यार और सम्मान दिया। 5 साल में पार्टी 1 से 11 हो गई है। संजय निषाद ने कहा, राजनीति का जो संकल्प मैंने 12 जनवरी 2013 को निषाद राज के किले पर लिया था, जहां भगवान राम ने वनवास में जाते समय कदम रखा था और निषादराज के गले मिले थे तो दुनिया में शांति आई थी। बदले में निषादराज ने अपने सेना लंका भेजी थी। रावण का वध हुआ था। दो राज्य था एक रावणराज्य और दूसरा रामराज्य। रावणराज खत्म होकर रामराज्य की स्थापना हुई थी।
जानें निषाद पार्टी के जीते उम्मीदवारों के नाम :- निषाद पार्टी – चुनाव चिह्न कमल पुष्प – चौरीचौरा- ई. सरवन निषाद
– करछना -पीयूष रंजन निषाद
– बांसडीह- केतकी सिंह
– सुल्तानपुर -सदर राजबाबू उपाध्याय
– तमकुहीराज -डॉ असीम रॉय
निषाद पार्टी – सिंबल
– ज्ञानपुर- विपुल दुबे
– मझवान – डॉ बिनोद बिंद
– मेहदावल -अनिल त्रिपाठी
– नौतनवां -ऋषि त्रिपाठी
– खड्डा -विवेक पांडे
– शाहगंज -रमेश सिंह ।