चुनावी महाभारत से पहले केशव ने तैयार की सेना
लखनऊ. यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य ने अपनी नई कार्यकारिणी में अनुभव के साथ नए चेहरों को भी स्थान दिया है। इसके साथ में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन भी बनाने का प्रयास किया है। प्रदेश कार्यकारिणी में कई पुराने और अनुभवी चेहरों को तवज्जो दी गई है। विधानसभा चुनाव 2017 को ध्यान में […]
लखनऊ. यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य ने अपनी नई कार्यकारिणी में अनुभव के साथ नए चेहरों को भी स्थान दिया है। इसके साथ में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन भी बनाने का प्रयास किया है। प्रदेश कार्यकारिणी में कई पुराने और अनुभवी चेहरों को तवज्जो दी गई है। विधानसभा चुनाव 2017 को ध्यान में रखकर भाजपा ने 40 सदस्यों की भारी-भरकम टीम तो तैयार की है लेकिन हर बार की तरह इस बार भी महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है। महिलाओं की संख्या देखें तो मात्र 5 महिलाओं को स्थान मिला है। एक उपाध्यक्ष कांता कर्दम, एक महामंत्री अनुपमा जायसवाल और तीन मंत्री जिसमें रंजना उपाध्याय, गीता शाक्य, और मंजू दिलेर हैं।
सांसद, विधायकों को मिला महत्व
नई टीम में कई सांसद और विधायकों को जगह दी गई है। सांसद शिव प्रताप शुक्ल, राजवीर सिंह उर्फ राजू भइया, सतपाल सिंह के अलावा विधायक गोपाल टंडन को उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, विधायक राजेश अग्रवाल भी एमएलए बनाए गए हैं।
मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपित को बनाया उपाध्यक्ष
मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपित सुरेश राणा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें यह जगह देकर बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि विपक्षियों के आरोपों से घबराने की बजाय हिंदुत्व की छवि को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसकी बजाय वह चुनाव में ध्रुवीकरण को पार्टी अपने लिए हितकर मानती है।
नेता पुत्रों का भी रखा ध्यान
पार्टी के बड़े नेताओं के बेटे भी टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह को फिर से प्रदेश महामंत्री बनाया गया है। वहीं लालजी टंडन के पुत्र गोपाल टंडन और कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह राजू भी उपाध्यक्ष बने।
14 ओबीसी, 7 ब्राह्मण, छह ठाकुर, 4 एससी, तीन वैश्य
कार्यकारिणी में सभी जातियों का संतुलन बनाया गया है। इसमें सबसे ज्यादा 14 ओबीसी को जगह दी गई है। इनके अलावा सात ब्राह्मण, एक खत्री, दो जाट, चार एससी, छह ठाकुर, तीन वैश्य, एक कायस्थ और एक भूमिहार को शामिल किया गया है। पश्चिमी यूपी के साथ पूर्वाचल को भी इस बार तवज्जो दी गई है। पश्चिमी यूपी से 15 से ज्यादा को कार्यकारणी में जगह मिली है। वहीं पूर्वाचल से भी दर्जन भर को शामिल किया गया है।
इन नेताओं को मिला प्रमोशन
सलिल विश्नोई, विजय बहादुर पाठक और अशोक कटारिया को प्रमोशन देकर महामंत्री बनाया गया है। वहीं कांता कर्दम, जसवंत सैनी, दया शंकर सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया है। उपाध्यक्ष पद पर सतपाल सिंह, राम नरेश रावत, राकेश त्रिवेदी, जेपीएस राठौर को पहली बार जगह मिली है। प्रदेश मंत्री पद पर ज्यादातर नए नाम है। पहले कार्यकारिणी में 12-12 उपाध्यक्ष और मंत्री थे। इनकी संख्या बढ़ाकर अब 15-15 कर दी गई है। वहीं महामंत्री भी छह से बढ़ाकर आठ किए गए हैं।
प्रदेश उपाध्यक्ष
शिव प्रताप शुक्ला, सांसद(गोरखपुर), राजवीर सिंह राजू भइया, सांसद(एटा), धर्मपाल सिंह, विधायक(बरेली), गोपाल टंडन, विधायक(लखनऊ), सतपाल सिंह, सांसद(बागपत), प्रकाश शर्मा (कानपुर), बाबूराम निषाद(हमीरपुर), कांता कर्दम(मेरठ), दया शंकर सिंह(बलिया), जसवंत सैनी(सहारनपुर), अश्वनी त्यागी(मेरठ), सुरेश राणा (शामली), राम नरेश रावत(बाराबंकी), राकेश त्रिवेदी (काशी), जेपीएस राठौर(शाहजहांपुर)
प्रदेश महामंत्री
स्वतंत्रदेव सिंह(जालौन), पंकज सिंह(लखनऊ), अनुपमा जायसवाल(बहराइच), सलिल विश्नोई(कानपुर), विद्या सागर सोनकर(जौनपुर), विजय बहादुर पाठक(लखनऊ), अशोक कटारिया(बिजनौर), सुनील बंसल(महामंत्री संगठन)(लखनऊ)
प्रदेश कोषाध्यक्ष
राजेश अग्रवाल(बरेली) सह कोषाध्यक्षरू नवीन जैन(आगरा)
प्रदेश मंत्री
संतोष सिंह(लखनऊ),गोविंद शुक्ला(अमेठी),अनूप गुप्ता(लखीमपुर), रंजना उपाध्याय(चित्रकूट), कौशलेंद्र सिंह पटेल(काशी), अमर पाल मौर्य, कामेश्वर सिंह( गोरखपुर), महेश श्रीवास्तव(काशी), सुरेश अवस्थी(कानपुर), देवेंद्र सिंह चैधरी(मेरठ), गीता शाक्य(औरैया), धर्मवीर प्रजापति(आगरा), सुभाष यादव(संत कबीर नगर), मंजू दिलेर(संभल), शंकर गिरि(काशी)
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