प्रदेश में मिशन शक्ति के तीसरे चरण के तहत अब तक पांच स्वावलंबन कैंपों का आयोजन किया जा चुका है। प्रदेश की महिलाओं बेटियों को प्रदेश सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से जोड़ा गया। स्वावलंबन कैंप में निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना समेत दूसरी अन्य योजनाओं की जानकारी देने के साथ साथ योजनाओं के आवेदन भी एक ही छत के नीचे स्वीकार किए गए। यह अपने आप में एक अनोखा प्रयास था जहां आवेदनकर्ता, सत्यापन अधिकारी तथा अनुमोदन अधिकारी ने एक मंच पर इकठ्ठा होकर प्रक्रिया एक दिन में समाप्त की। स्वावलंबन कैंप के जरिए विभिन्न योजनाओं से महिलाओं को जोड़ा गया।
स्वावलंबन कैंप के तहत चार योजनाओं से जुड़े हजारों नए लाभार्थी इन पांचों स्वावलंबन कैंप के तहत कन्या सुमंगला योजना के लिए 19,832 आवेदन आए जिसमें 11,868 आवेदनों को स्वीकार किया गया। निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 8,036 आवेदन आए जिसमें 3150 आवेदनों को स्वीकार किया गया। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 1872 आवेदन आए जिसमें 627 स्वीकृत किए गए इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के लिए 1912 आवेदन आए जिसमें 364 को स्वीकार किया जा चुका है।
महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति जैसे वृहद् अभियान की शुरूआत कर उनके कदमों को विकास पथ पर बढ़ाने का कार्य किया है। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है। जिसके तहत “मिशन शक्ति” के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।