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लखनऊ

यूपी का रहस्यमय कुआं, जो बताता है कि मृत्यु कब होगी

मंदिर परिसर में मौजूद लोगों का कहना है कि धर्मेश्वर महादेव प्राचीन मंदिर में बने धर्म कुएं का निर्माण स्वयं यमराज द्वारा किया गया था। ऐसी मान्यता है कि जो लोग कुएं में जाते हैं उनकी परछाई कुएं में दिखाई देती जिन लोगों की परछाई कुएं में दिखाई नहीं देती है अगले 6 महीने में उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। हालांकि, इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं आसपास के लोगों की ऐसी मान्यता है।

लखनऊFeb 11, 2022 / 02:33 pm

Prashant Mishra

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लखनऊ. इस दुनिया में तमाम ऐसी रहस्यमई चीजें हैं जो साइंस के नियमों को पीछे छोड़ देती हैं। तमाम ऐसी मान्यताएं हैं जिन पर साइंस सटीक नहीं बैठती, लेकिन फिर भी लोगों को इन आस्थाओं में पूरा विश्वास है। आज हम आपको यूपी के एक ऐसे कुएं के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको लेकर यह मान्यता है कि यह कुआं मौत का संकेत देता है। काशी स्थित स्कूल को लेकर यह कहा जाता है कि अगर इस कुएं में व्यक्ति की परछाई नहीं दिखाई देती है तो अगले 6 महीने में उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
काशी में मौजूद है कुंआ

धार्मिक नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर है। काशी को बाबा विश्वनाथ का धाम कहा जाता है। जहां हर जगह पर भगवान शिव से जुड़े हुए मंदिर हैं जिनकी अपनी-अपनी मान्यता है। काशी में धर्मेश्वर महादेव नाम का एक प्राचीन मंदिर है। इस प्राचीन मंदिर को लेकर मान्यताएं हैं कि यहां पर भगवान शिव व यमराज देव एक साथ विराजते हैं। यहीं, पर भगवान शिव के यमराज को मोक्ष पाने वालों का हिसाब किताब रखने की जिम्मेदारी दी थी। ‌
परछाई न देखने पर हो जाती है मृत्यु

मंदिर परिसर में मौजूद लोगों का कहना है कि धर्मेश्वर महादेव प्राचीन मंदिर में बने धर्म कुएं का निर्माण स्वयं यमराज द्वारा किया गया था। ऐसी मान्यता है कि जो लोग कुएं में जाते हैं उनकी परछाई कुएं में दिखाई देती जिन लोगों की परछाई कुएं में दिखाई नहीं देती है अगले 6 महीने में उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। हालांकि, इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं आसपास के लोगों की ऐसी मान्यता है।
यमराज ने यहीं पर शिव को किया था प्रशन्न

मान्यता है कि भगवान शिव पृथ्वी पर मृत्यु को प्राप्त होने वाले व्यक्तियों को स्वर्ग या नरक में ले जाने को लेकर व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यमराज तपस्या कर रहे थे, परंतु यमराज को भगवान शिव को प्रसन्न करने में कामयाबी नहीं मिल रही थी। जिसके बाद भगवान विष्णु ने यमराज को कुंड बनाने व उसमें स्नान करने के बाद भगवान की तपस्या करने की सलाह दी। इसके बाद यमराज ने ऐसा ही किया और भगवान शिव यमराज से प्रसन्न हुए जिसके बाद भगवान ने यमराज को स्वर्ग और नर्क जाने वाले लोगों की जिम्मेदारी सौंपी। यहीं पर भगवान शिव ने यमराज का नामकरण भी किया था, तभी से यह प्रथा चली आ रही है कि कुएं में परछाई न देखने पर व्यक्ति की 6 महीने के अंदर मृत्यु हो जाती है।

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