इतन ही नहीं, उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें माता सीता को वह अपशब्द कहते दिखाई दिए थे। उन्होंने कहा था कि जिस माता सीता को रावण हरण करके ले गया था उनको रावण से बड़ा युद्ध लडक़र राम वापस ले आए। भगवान राम ने सीता के गर्भवती होने के बावजूद रघुकुल की मर्यादा के कारण छोड़ दिया और उनको जंगल में अपने बच्चे पैदा करने पड़े। आज के दौर में ऐसा होने पर तलाक हो जाता है। भगवान राम के सामने उनकी पत्नी ने शरीर छोड़ा और शरीर छोडऩे को आत्महत्या की तरह माना जाता है।
मोहन यादव के इस बयान के बाद प्रदेश भर में उनका पुतला फूंका गया था और लोग कहने लगे थे कि यह कैसा सनानती नेता है। उनके बयान के खिलाफ अयोध्या के संतों ने भी विरोध किया था। वास्तव में यह वीडियो कारसेवकों के सम्मान समारोह का था। मध्यप्रदेश के नागदा खाचरोद क्षेत्र में कारसेवकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव बतौर मुख्य अतिथि के रुप में आए थे। हांलाकि विरोध होने पर उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी भी मांग लिया था।