कहा जा रहा है कि मोदी मंत्रीमंडल के नए पहले कैबिनेट विस्तार में 17 से 22 मंत्री शपथ ले सकते हैं। कुछ मंत्रियों को अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है तो कई की छुट्टी भी तय मानी जा रही है। मंत्रीमंडल विस्तार के जरिये एक तरफ क्षेत्रीय सहयोगी छोटे दलों को संतुष्ट करने की कोशिश होगी तो यूपी जैसे राज्य में चुनाव को देखते हुए निर्णय लिये जाएंगे।
उत्तर प्रदेश से तीन से चार नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलायी जा सकती है। जिन लोगों के नाम चर्चा में हैं उनमें अपना दली एस की नेता मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। ओबीसी पटेल वोटों को देखते हुए भाजपा यूपी में अपनी सहयोगी पार्टी को नाराज नहीं देखना चाहती। इसके अलावा पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। वरुण न सिर्फ युवा हैं बल्कि तेज तर्रार वक्ता हैं। एक तरफ निषाद वोटों को साधने के लिये निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद तो राजभर की काट के लिये सकलदीप राजभर भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इनके अलावा सत्यदीप पचौरी व गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन के नाम भी मंत्री पद की रेस में बताए जा रहे हैं। दलित चेहरे के रूप में रमाशंकर कठेरिया का नाम भी खूब चर्चा में है।
फिलहाल मोदी सरकार के मौजूदा मंत्री परिषद में 53 मंत्री हैं। नियमानुसार मंत्रियों की संख्या अधिकतम 81 हो सकती है।