मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों, प्रभारियों और अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक कर पिछली बैठक में दिये गए निर्देशों की रिपोर्ट ली। बैठक में गहन चिंतन के बाद स्पष्ट हुई कमियों पर प्रभावी नियंत्रण करते हुए पूरे तन मन धन से लोकसभा चुनाव में जुटने का निर्देश दिया।
बसपा अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव
मायावती ने इस मीटिंग में साफ कर दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव बसपा अकेले दम पर लड़ेगी। इसके पीछे का तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में बसपा को गठबंधन के कारण फायदा कम और नुकसान अधिक हुआ है। बसपा का वोट अन्य दलों को ट्रांसफर हो जाता है। वहीं, दूसरी पार्टियां हमारे उम्मीदवार के पक्ष में वोट ट्रांसफर करने की न तो नीयत रखती हैं और न क्षमता। इससे पार्टी के लोगों का मनोबल प्रभावित होता है और इस कड़वी हकीकत को नजरअंदाज कर आगे नहीं बढ़ा जा सकता है।चंद्रयान-3 की सफलता पूर्वक लैंडिंग पर सीएम योगी ने दी बधाई, बोले- 140 करोड़ भारतीयों के सपनों के साथ चांद पर उतरा
भजीते आकाश आनंद को आर्शीवाद देना सबसे खास रहा
इस बैठक में भतीजे आकाश आनंद को सभी के सामने बुलाकर आर्शीवाद देना सबसे खास रहा। आकाश इन दिनों राजस्थान में पदयात्रा कर रहे हैं। उन्हें इस बैठक के लिए विशेष रूप से बुलाया गया था। आकाश आनंद को सभी के सामने प्रस्तुत किया गया। पार्टी के अंदर इसके मायने भी तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि भविष्य में वह पार्टी का प्रमुख चेहरा हो सकते हैं।
बसपा सुप्रीमो ने पार्टी में कुछ जरूरी बदलाव करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विशाल और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य है। यहां के राजनीतिक हालात तेजी से बदलते हैं। इसी कारण पार्टी में कुछ बदलाव अच्छे चुनावी परिणाम हासिल करने की नीयत से लगातार करने होते हैं। इसलिए जो जिम्मेदारी दी जाती है उसे कम न आंके और पार्टी के हित को सर्वोपरि मानकर पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
मायावती ने एनडीए और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए और विपक्षी गठबंधन अगले लोकसभा चुनाव में जीत के दावे कर रहा है। हालांकि इन दोंनों के ज्यादातर वादे सत्ता में आने के बाद खोखले ही साबित हुए हैं। जहां तक चुनावी माहौल का सवाल है तो सभी तरफ से यही फीडबैक है कि भाजपा की संकीर्ण जातिवादी और सांप्रदायिक नीतियों के कारण जनता त्रस्त है। इसी कारण भाजपा का जनाधार कमजोर हो गया है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। इस कारण उत्तर प्रदेश का चुनाव एकतरफा न होकर काफी दिलचस्प और देश की राजनीति को एक नई करवट देने वाला साबित होगा।