लोकसभा चुनाव से पहले कुछ ऐसे बन रहे सियासी समीकरण, यूपी में महागठबंधन की संभावनाएं कम
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के मुकाबले कांग्रेस भले ही कमजोर दिख रही है, लेकिन अन्य तीनों राज्यों में कांग्रेस का खासा प्रभाव है। खासकर राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति सबसे मजबूत है। राजस्थान कांग्रेस के चीफ सचिन पायलट राहुल गांधी से सीधे शब्दों में कह चुके हैं कि यहां किसी से गठबंधन की जरूरत नहीं है। राजस्थान में कांग्रेस अकेले ही विधानसभा चुनाव जीतने में सक्षम है।बसपा रणनीतिकारों का मानना है कि यूपी में अगर सपा-बसपा का गठबंधन हुआ या फिर बसपा-कांग्रेस का। दोनों ही सूरत में फायदा कांग्रेस को ही होने वाला है। गठबंधन होने की स्थिति में बसपा का वोट तो कांग्रेस को ट्रांसफर हो जाएगा, लेकिन कांग्रेस का वोट बसपा को मिलेगा, इसकी कम ही संभावना है। ऐसे में मायावती चाहती हैं कि कांग्रेस अगर यूपी में गठबंधन करना चाहती है तो बदले में उसे कांग्रेस के प्रभाव वाले राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में गठबंधन करना होगा, ताकि यूपी से बाहर बसपा का विस्तार हो सके।
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15 दिनों में गठबंधन पर विस्तृत रिपोर्टमध्य प्रदेश के करीब एक दर्जन से ज्यादा जिलों में बसपा की पकड़ मजबूत मानी जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा ने यहां चार सीटें जीतने के साथ ही करीब 6.29 फीसदी वोट हासिल किये थे। ऐसे में मध्य प्रदेश में बसपा से गठबंधन करने में कांग्रेस को कोई गुरेज नहीं है। बात करें छत्तीसगढ़ की तो राज्य में कांग्रेस पास कोई बड़ा दलित चेहरा नहीं है। ऐसे में मायावती के सहारे कांग्रेस यहां दलितों के वोट हासिल कर सकती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी राजस्थान में बसपा संग चुनाव नहीं लड़ना चाहती है। राहुल गांधी ने 15 दिनों के अंदर गठबंधन पर विस्तृत रिपोर्ट तलब किया है।