पहले इस रेस में शिवपाल यादव, इंद्रजीत सरोज और तूफानी सरोज का नाम नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सामने आ रहा था। लेकिन करीब 3 घंटे के मंथन के बाद अखिलेश ने माता प्रसाद के नाम की घोषणा की। माता प्रसाद 8 बार से विधायक हैं। वह मुलायम और अखिलेश सरकार में विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं।
कौन हैं माता प्रसाद पांडेय
माता प्रसाद, सिद्धार्थनगर जिले की इटवा विधानसभा सीट से आठ बार विधायक रह चुके हैं। वे मुलायम सिंह यादव की सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे। जब 2012 में समाजवादी पार्टी (सपा) ने सत्ता में वापसी की और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने, तो माता प्रसाद को फिर से विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1980 में जनता पार्टी से लड़ा और जीते। 1985 में लोकदल से, 1989 में जनता दल से जीत हासिल की, लेकिन 1991 और 1996 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, दोनों बार वे तीसरे स्थान पर रहे। 2002 में सपा के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की। 2007 और 2012 में सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे। हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी उम्मीदवार डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी से हार गए और तीसरे स्थान पर रहे।