पुलिस सूत्रों का कहना है कि साल 2008 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में अनिल दुजाना गैंग के गुर्गे उमेश पंडित निवासी लोनी के संपर्क में सहारनपुर निवासी कुछ लड़के थे।
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इन लड़कों ने अनिल दुजाना की मुलाकात मुकीम काला, सादर तितोरा समेत कई बदमाशों से करा दी। इसके बाद मुकीम काला अनिल दुजाना गैंग के कहने पर हत्या और लूटपाट करने लगा। अनिल दुजाना बुलंदशहर जेल में रहते हुए उमेश पंडित और विक्की सुनहरा के संपर्क में आया।विकी ने मुन्ना बजरंगी से मुलाकात कराई। जिसके बाद दिल्ली में रेलवे के सरकारी ठेके लेने में मुन्ना बजरंगी ने अनिल दुजाना की मदद की। अनिल ने दिल्ली रेलवे में ठेके अपने परिचितों के नाम पर लिए थे। मुजफ्फरनगर जेल में अनिल दुजाना ने कर्नल गिरी परीक्षितगढ़, नीरज मेरठ, बागपत के ज्ञानेंद्र ढाका समेत दर्जनों बड़े बदमाशों को अपने गैंग में शामिल कर लिया था।
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तिहरे हत्याकांड में पकड़ा गया था अनिल, पलटवार में भाई का मर्डरसूत्रों ने बताया कि जनवरी 2012 में अनिल तिहरे हत्याकांड में पकड़ा गया था। इसके बाद वह जेल से अपना गैंग चलाने लगा। इसमें रणदीप भाटी और अमित कसाना उसकी मदद करते थे। वह जेल से ही मर्डर और रंगदारी की साजिशों को अंजाम देने लगा। सुंदर भाटी गैंग ने जनवरी 2014 दुजाना के घर पर हमला कर दिया।
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दुजाना गांव के कुख्यात सुंदर ने इंदिरा गांधी को दी थी धमकीदुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था। 70 और 80 के दशक में सुंदर का दिल्ली-एनसीआर में खौफ था। उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को जान से मारने की धमकी दे दी थी। इसी दुजाना गांव का अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना है।