आम की लुप्त प्रजातियों को बचाने में कारगर मैंगो बाबा ऐप आम की लुप्त होती प्रजातियों को बचाने में कारगर साबित होगा। किसानों से आम बाग से लेकर इसे संस्थान की स्वचालित पैकेजिंग लाइन में परिष्कृत किया जाएगा और उद्यमिता विकास के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया जाएगा। हालांकि, आम की ये अनोखी किस्में फिलहाल लखनऊ में उपलब्ध नहीं है लेकिन मलिहाबाद के बागवानों में इसकी अच्छा संख्या पाई जाती है। ज्यादातर आम का व्यवसाय दशहरी, चौसा, लंगड़ा और लखनउवा सफेदा के ऊपर निर्भर है। अगर यह किस्में मंडी तक पहुंचती हैं, तो इनके दाम बहुत कम होते हैं। यह अनोखी और महत्वपूर्ण किस्में मलिहाबाद क्षेत्र के लिए विरासत हैं।
मंडी जाने से बचेंगे बागवान ऐप के जरिये किसानों को मंडी जाने से भी निजात मिल जाएगी। बाग से ही उनका आम बिक जाएगा। संस्थान किसान एवं उद्यमियों के साथ मिलकर इस पर कार्य करने की योजना बना रहा है। मैंगो बाबा ऐप किसानों को मंडी तक जाने की जहमत से बचा सकता है। साथ ही साथ ग्राहकों को भी उनके दरवाजे पर अच्छी क्वालिटी के आम उपलब्ध कराएगा।