गांवों को बिजली सही और दुरस्त सप्लाई मिले इसके लिए केंद्र सरकार ने पावर सेक्टर डवलपमेंट फंड बनाया है। इस फंड से यूपी की बिजली की लो—वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए कैपिसिटर बैंक लगवाए जाएंगे। इस कैपिसिटर बैंक के लगाने से जहां प्रदेशभर में बिजली की बचत होगी वहीं स्विच गियर, ट्रांसफार्मर खराब नहीं होंगे। घरों में वोल्टेज का उतार-चढ़ाव नहीं होगा और वोल्टेज बढ़ेगा तो लाइन हानि घटेगी।
इस कार्य को मूर्तरुप देने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने यूपी पावर कॉर्पोरेशन के चारों विद्याुत निगम को डेढ़ अरब का अनुदान देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जिसमें मध्यांचल निगम की राशि 47.43 करोड़ रुपए, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम 62.05 करोड़ रुपए, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम 18.59 करोड़ रुपए और बाकी राशि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के खाते में जाएगा।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी देवाशीष बोस के आदेश में है कि सभी विद्युत वितरण निगम जल्द ही ऊर्जा मंत्रालय के साथ अनुबंध करेंगे। कैपिसिटर बैंक को उपकेंद्र पर लगाने के लिए विद्युत वितरण निगम, ऊर्जा मंत्रालय और काम करने वाली एजेंसी की एक बनाई जाएगी। उपकेंद्रों पर लगने वाले कैपिसिटर बैंक की ऑनलाइन निगरानी भी होगी, जिसके लिए ऑनलाइन सिस्टम भी विकसित होगा।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम तकनीक निदेशक लखनऊ सुधीर कुमार सिंह ने कहाकि मध्यांचल निगम के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का वोल्टेज बढ़ाने के लिए ऊर्जा मंत्रालय को कैपिसिटर बैंक लगाने का प्रस्ताव भेजा था, जो मंजूर हो गया है। अनुबंध का इंतजार है, उसके बाद अनुदान की रकम मिल जाएगी, और फिर कैपिसिटर बैंक का काम शुरू हो जाएगा।