Uttar Pradesh Assembly election 2022: चुनाव जीतने के लिए विपक्षी एकता पर जोर, छोटे दल एकजुट होंगे संजोन है नीति का उद्देश्य :- संस्कृति विभाग की बैठक में विशेष सचिव डा. दिनेश चंद्र ने बताया कि प्रस्तावित संस्कृति नीति का उद्देश्य प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को उसकी संपूर्ण विविधता में संरक्षित-संवर्धित करना है। प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन ने कहा कि प्रस्तावित संस्कृति नीति में संस्कृति के क्षेत्र में काम कर रहे प्रमुख राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक, अकादमिक संस्थानों स्वयंसेवी संगठनों आदि से सांस्कृतिक आदान-प्रदान को शामिल किया जाए।
रोजगारपरक बनाया जाएगी संस्कृति नीति :- संस्कृति नीति रोजगारपरक होने के साथ ही प्रदेश के सर्वांगीण सांस्कृतिक विकास का साधन भी बने। इसमें प्रत्येक जिले और सांस्कृतिक क्षेत्र के बहुरंगी रीति-रिवाज, परंपराओं, खान-पान, खेलकूद, पहनावा आदि के संरक्षण एवं संवर्धन पर बल दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि लुप्त हो रही सांस्कृतिक विधाओं के प्रशिक्षण, संरक्षण, प्रदर्शन आदि को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में काम करने की इच्छुक संस्थाओं, संगठनों, संस्कृतिविद को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार के अनुदान का प्रविधान भी नीति में होना चाहिए। नीति का मसौदा प्रदेश के मूर्धन्य कलाविद, कलाकारों, शिक्षाविद, शोधार्थियों को उपलब्ध कराकर 15 दिन में उनके सुझाव लेकर शामिल करने के लिए भी कहा है।
राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय बनेगा भातखंडे संगीत संस्थान :- मंडलायुक्त लखनऊ और भातखंडे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय के कुलपति रंजन कुमार ने बताया कि, भातखंडे संगीत संस्थान को राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। इसमें संस्कृति से संबंधित सभी पाठ्यक्रमों का पठन-पाठन, शोध, प्रशिक्षण हो सकेगा। प्रमुख सचिव ने इस पर निर्देश दिया कि सभी से सुझाव लेकर राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना की औपचारिक विधिक प्रक्रिया पूरी कराई जाए।