उज्जवला को लेकर भाजपा सरकार जरा भी ईमानदार तो गरीबों को सब्सिडी दे : प्रियंका गांधी परिषदीय स्कूलों में कक्षा दो से लेकर पांच तक की सभी विषय की पुस्तकों के नाम लगभग एक जैसे थे। और छह से लेकर आठ तक की पुस्तकों के नाम एक ही थे। इससे बच्चों में काफी भ्रम बना रहता था। पर अब शासन ने सब बदला दिया है।
बच्चों की जुबान पर चढ़ जाएंगे नाम :- कक्षा दो की पाठ्य पुस्तक कलरव का नाम बदलकर किसलय कर दिया गया है। वहीं कक्षा तीन की पाठ्य पुस्तक कलरव का नाम बदलकर पंखुड़ी और गिनतारा का अंकों का जादू किया गया है। कक्षा चार की पुस्तक कलरव, गिनतारा, हमारा परिवेश, रेनबो, संस्कृत पीयूषम का नाम बदलकर क्रमश: फुलवारी, अंक जगत, पर्यावरण, स्प्रिंग और संस्कृत सुधा किया गया है। वहीं कक्षा पांच की पाठय पुस्तक कलरव, गिनतारा, हमारा परिवेश, रेनबो, संस्कृत पीयूषम, मंजरी, का नाम बदलकर क्रमश: वाटिका, गणित ज्ञान, प्रकृति, पीटल्स, संस्कृत सुबोध किया गया है।
कक्षा छह-सात आकर्षक नाम :- कक्षा छह की पाठ्य पुस्तक मंजरी, गणित, आओ समझें विज्ञान, संस्कृत पीयूषम, रेनबो का नाम बदलकर क्रमश: अक्षरा, सीख गणित, विज्ञान भारती, संस्कृत निधि, अंग्रेजी रीडर प्रथम किया गया है। कक्षा सात की पाठ्य पुस्तक मंजरी, गणित, पृथ्वी ओर हमारा जीवन, आओ समझें विज्ञान, संस्कृत पीयूषम, रेनबो, गृह शिल्प, महान व्यक्तित्व का नाम बदलकर क्रमश: दीक्षा, गणित प्रकाश, हमारा भूमंडल, विज्ञान भारती-दो, संस्कृत मंजूषा, अंग्रेजी रीडर-दो, गृह कौशल, भारत की महान विभूतियां किया गया है।
कक्षा आठ की पाठ्य पुस्तकों के नाम :- कक्षा आठ की पाठ्य पुस्तक मंजरी, गणित, पृथ्वी और हमारा जीवन, आओ समझें विज्ञान, संस्कृत पीयूषम, रेनबा, महान व्यक्तित्व का नाम बदलकर क्रमश: प्रज्ञा, गणित मंथन, भारत संसाधन और विकास, विज्ञान भारती-तीन, संस्कृत भारती, अंग्रेजी रीडर-तीन, हमारे आदर्श किया गया है।