उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सभी रेलवे स्टेशनों पर जनता कर्फ्यू लगा है। चाहे वो चारबाग हो या लखनऊ स्टेशन, ऐशबाग हो या गोमतीनगर का स्टेशन। लखनऊ के सभी 16 रेलवे स्टेशनों का यही हाल है। रेल कर्मचारी, रेल पुलिस, कुली और कुछ यात्री जो रविवार सुबह लखनऊ पहुंचे हैं वहीं स्टेशनों पर दिख रहे हैं। नहीं तो कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सभी ने खुद को अपने रेलवे के घरों में बंद कर लिया है।
जनता कर्फ्यू में सबसे बड़ा काम 14 घंटे घरों में खुद को बने रहना है। जनता कर्फ्यू की सबसे बड़ी यही चुनौती है। घर पर रहना और बाहर निकलने से बचना जरूरी है। जनता का…जनता के लिए…जनता के द्वारा लागू इस कर्फ्यू का मकसद कोरोना वायरस को समुदायों में फैलने से रोकना है। कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ना ही इस जनता कर्फ्यू बड़र मकसद है। जितने कम लोग घर से निकलेंगे और एक-दूसरे से जितना कम मिलेंगे उतरा ही कोरोना कंट्रोल में रहेगा, इसलिए जनता कर्फ्यू को लागू किया गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रात आठ बजे इसकी घोषणा की थी।
भारतीय रेलवे ने करीब 3700 ट्रेनें एक दिन यानी जनता कर्फ्यू के लिए रद्द कर दी हैं। जनता कर्फ्यू के दौरान आज रात 10 बजे तक पैसेंजर ट्रेन नहीं चलेंगी। मेल और एक्सप्रेस ट्रेन भी रविवार सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक नहीं चलेंगी।