आजादी से पहले ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ष 1927 में जब साइमन कमीशन भारत आया था, तो लोगों ने पतंगों पर साइमन गो बैक का नारा लिखी पतंग उड़ाकर अपना विरोध दर्ज कराया था। इसी तरह सन 1857 में लखनऊ रेजीडेंसी के ब्रिटिश अधिकारियों ने एक पतंग के जरिए अपना गुप्त संदेश किला मच्छी भवन तक पहुंचाया था। आज भी इन पतंगों के सहारे सरकार की कई योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाता है। किसी पर बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ का संदेश लिखा है, तो किसी पर सबका साथ-सबका विकास लिखा है। इसके अलावा पतंगें स्वास्थ्य, शिक्षा, मतदान व अन्य समाजिक मुद्दों पर लोगों में जागरुकता पैदा करने का काम भी कर रही हैं।
बाढ़ राहत के नाम पर हर वर्ष सिर्फ घोटाला : ओमप्रकाश राजभर साल भर उड़ती हैं रंगबिरंगी पतंगें :- लखनऊवासी तो साल भर रंगबिरंगी पतंगें उड़ते रहते हैं। जमघट, रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी पर क्या हिंदू क्या मुस्लिम सभी धर्मो के लोग आसमान को पतंगों से भर देते हैं।
Independence Day 2021 : अब तक नहीं देखी हैं आपने ये फिल्में तो इस स्वतंत्रता दिवस को इन्हें जरूर देखें 200 काइट क्लब :- लखनऊ में करीब 200 काइट क्लब तीन एसोसिएशन से जुड़े हैं। सबसे पुरानी ओल्ड काइट लाई एसोसिएशन हैं। इसके अलावा काइट कांटेस्ट आर्गनाइजेशन व लखनऊ काइट लाई सबसे पुरानी हैं। इन क्लबों में साल भर पतंगबाजी का मुकाबला होता है। शहर के यह काइट क्लब कई बार ऑल इंडिया टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर चुके हैं।
पेंच काटने में अब ट्रिक से ज्यादा ताकत :- एक बड़े पतंगबाज ने बताया कि, अब पेंच काटने में ट्रिक से ज्यादा ताकत का प्रयोग होता है। पर एक बड़ी बात यह है कि लखनऊ का सभी पतंगबाज बरेली के बने मांझे पर लखनऊवा पतंग आसमान में चढ़ाकर दूसरों के पेंच काटता है तो हर दर्शक के मुंह से वाह निकल ही जाती है।
Independence Day 2021: राष्ट्र-गान और तिरंगा फहराते समय भूलकर भी न करें ये गलती, जुर्माने के साथ हो सकती है जेल पतंग उड़ाने से खुश रहता है दिल :- पतंग उड़ाने से दिल खुश और दिमाग संतुलित रहता है, उसे ऊंचाई तक उड़ान और कटने से बचाने के लिए हर पल सोचना इंसान को नई सोच और शक्ति देता है।