Uttar Pradesh Assembly election 2022 : कहीं बाबा का आर्शीवाद तो कहीं जातीय अस्मिता के सहारे भाजपा का यूपी फतह का प्लान पूर्व सपा सांसद फूलन देवी निषाद जाति से थीं। विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआइपी निषाद वोटों को लुभाने के लिए यूपी के 18 निषाद बहुल्य जिलों में फूलन देवी की मूर्ति का अनावरण कर रही है। वीआइपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी बिहार में भाजपा गठबंधन की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री हैं। यह खुद को सन ऑफ मल्लाह के रूप में प्रचारित करते हैं और निषादों का बड़ा हितैषी होने का दावा करते हैं। जबकि, यूपी में सक्रिय निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद कहते हैं कि सही मायने में वह पॉलिटिकल फादर ऑफ फिशरमैन हैं। वह यूपी में करीब 17 उपनामों में बंटी निषाद, केवट, मल्लाह जातियों का हितैषी मानते हैं।
भाजपा देखना चाहती है शक्ति प्रदर्शन
पिछले दिनों निषाद पार्टी के डॉं. संजय निषाद से गृह मंत्री अमित शाह और लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अपने सांसद बेटे को मंत्री बनाने और यूपी में डिप्टी सीएम पद देने की बात की थी। भाजपा पर वादा तोडऩे का भी आरोप लगाया था। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है भाजपा डॉ. संजय से पिंड छुड़ाने के लिए ही वीआईपी को तरजीह दे रही है। सहनी ने इसी 2 जुलाई को अपनी पार्टी की यूपी इकाई का शुभारंभ किया। साथ ही 165 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया। उन्होंने नारा दिया है आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं। वीआईपी की यूपी में उपस्थिति से भाजपा को नया हथियार मिल गया है। रणनीतिकारों के अनुसार भाजपा इसके जरिए निषाद पार्टी के दबाव को खत्म करना चाहती है। इसलिए वीआईपी की महत्वाकांक्षा को हवा दे रही है।
निषाद वोट की कीमत यूपी में 150 से अधिक विधानसभा सीटें निषाद बहुल हैं। निषाद, मल्लाह और कश्यप वोटर्स कुल आबादी का करीब 4 फीसद हैं। पूर्वी और मध्य यूपी में इनकी अधिकता है।
यहां लगेंगी फूलन की मूर्तियां वाराणसी, लखनऊ, बलिया, संत कबीरनगर, बांदा, अयोध्या, सुल्तानपुर, गोरखपुर, महाराजगंज, औरैया, प्रयागराज, उन्नाव, मेरठ, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद और जौनपुर।