कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी, जानें घरेलू सिलेंडर हुआ कितना महंगा जून अंत तक आंकड़ा 12467 पहुंचा :- आवास विभाग समीक्षा रिपोर्ट में लखनऊ विकास प्राधिकरण के बारे में बताया गया है कि, एलडीए ने करीब 12467 अवैध निर्माण जरूर चिह्नित किए पर कार्रवाई नहीं की। इससे छह महीने में करीब 400 अवैध निर्माण और बढ़ गए। अगर एलडीए में लंबित प्रकरण की बात करें तो दिसंबर 2020 में 12074 थे। मार्च 2021 में इनकी संख्या 12395 हो गई और जून के अंत में यह आंकड़ा 12467 पर पहुंच गया। अब आवास विभाग ने इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का निर्देश एलडीए को दिया है।
नोटिस तक नहीं भेजी जाती :- आवास विभाग ने रिपोर्ट में कहाकि, कार्रवाई नहीं होने की वजह से 99.52 प्रतिशत प्रकरण में कार्रवाई लंबित है। आवास विभाग का आंकड़ा कुछ बता रहा हो पर अगर शहर में एक जांच की जाए तो सैकड़ों की संख्या में अवैध निर्माण हैं जिन्हें नोटिस तक नहीं भेजी जाती है। अब अगर किसी ने शिकायत उच्च अधिकारी को कर दी तो उसके बाद जरूर कार्रवाई होती है।
शहरों के प्राधिकरण के नाम :- आवास विभाग ने रिपोर्ट में विकास प्राधिकरण में लंबित प्रकरण में प्रयागराज सबसे उपर है। फिर सीएम योगी की नगरी गोरखपुर का आता है। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी है। और चौथे नम्बर पर यूपी की राजधानी लखनऊ है।
प्रयागराज 26939
गोरखपुर 22906
वाराणसी 22608
लखनऊ 12467
कानपुर 10998
मेरठ 10840
मुरादाबाद 10339
आगरा 10197 उपायों हुए विफल :- पिछले पांच साल में वीसी ने कई बार अवैध निर्माणों को रोकने के लिए आदेश दिए पर कुछ काम नहीं हुआ। इन उपायों पर गौर कीजिए।
– अवैध निर्माणों को बिजली कनेक्शन नहीं।
– अनियोजित कॉलोनियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड।
– अवैध निर्माण सील कर पुलिस अभिरक्षा में।
– काम शुरू होने के समय ही सील व तोड़ने की कार्रवाई।
– इंजीनियर व अधिकारी दोनों दोषी माने जाएं।
– आवासीय में व्यावसायिक उपयोग तुरंत बंद कराए जाएं।