रोजगार मुहैया कराने में इन छह बड़े राज्यों से यूपी आगे, सीएमआईई ने किया खुलासा यूपी सरकार की आउटर रिंग रोड की परियोजना हाईटेक रोड बनने के साथ खूबसूरती की मिसाल भी साबित होगी। इस परियोजना से लखनऊ के अंदर भारी वाहन प्रवेश नहीं कर सकेंगे, आउटर रिंग रोड पर फर्राटा भरते हुए वाहन अपना सफर तय करेंगे। उधर, लखनऊ के अंदर जाम लगने की बड़ी समस्या से आम लोगों को बहुत बड़ी राहत मिल जाएगी। इस दौरान कोविड काल में सरकार की ओर से मजदूरों व श्रमिकों का पूरा ध्यान रखा गया। निर्माणक्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया गया। सभी कर्मचारियों को मास्क व सैनिटाइजर बराबर बांटे जा रहे हैं।
30 प्रतिशत ट्रैफिक होगा कम :- आउटर रिंग रोड बनने के बाद गोरखपुर, अयोध्या की ओर से आने वाले वाहन बिना शहर में अंदर आए सुल्तानपुर, वाराणसी के लिए जा सकेंगे। बड़े वाहनों को सबसे अधिक सहूलियत होगी, जिनकी वजह से चिनहट, कमता पर जाम लगता है। अभी इनका कमता से शहीद पथ होते हुए आना होता है। इससे कई बार दिन में भी ट्रकों का जमावड़ा कमता और अहमामऊ पर लग जाता है। किसान पथ शुरू होने से शहीद पथ का 30 प्रतिशत तक ट्रैफिक कम हो सकता है।
आउटर रिंग रोड से बदल जाएगी तस्वीर :- करीब 5500 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले रिंग रोड की लंबाई करीब 104 किलोमीटर होगी। रिंग रोड 5 नेशनल, 6 स्टेट हाईवे और 104 गांवों को शहर से जोड़ेगी। इसके बनने से लखनऊ की तस्वीर काफी बदल जाएगी। इसके लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और पीडब्लूडी को भी शामिल किया गया। योजना के तहत एलडीए विकास क्षेत्र का हिस्सा बनाए गए नौ ब्लॉकों को कवर कर रहे हैं। पहले फेज में बीकेटी से अस्ती रोड, कुर्सी रोड, बेहटा, इंदिरा कैनाल, मोहनलालगंज होते हुए कानपुर रोड स्थित बनी तक निर्माण होना सुनिश्चित किया गया। दूसरे फेज में कानपुर रोड स्थित बनी से मोहान, काकोरी होते हुए बीकेटी तक निर्माण हो रहा है। आउटर रिंग रोड में लखनऊ समेत बाराबंकी के देवां, नवाबगंज तहसील समीत 43 गांव शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों जिलों से करीब 1500 एकड़भूमि का अधिग्रहण किया गया।
बड़ा आर्थिक गलियारा होगा तैयार :- लखनऊ में बनने वाली आउटर रिंगरोड पूरे लखनऊ के साथ-साथ आस- पास के क्षेत्रों को भी कवर करेगी। ये रोड बख्शी का तालब से लेकर पूरे शहर को घेरते हुए कानपुर रोड तक जाएगी। शहीद पथ की तर्ज पर आउटर रिंग रोड के दोनों ओर भी नियोजित विकास की तैयारी है। आने वाले समय में डिफेंस कोरीडोर की ईकाई के शुरू हो जाने के बाद यह मार्ग आवागमन में काफी सहयोग देगा और प्रदेश की आर्थिक गलियारे के रूप में भी काम करेगा। उधर, शहीद पथ से आईआईएम गेट तक बंधा जहां शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाएगा, वहीं शहीद पथ से किसान पथ को जोड़ने वाला बंधा नई टाउनशिप को जन्म देगा।
‘किसान पथ’ जल्द होगा शुरू :- योगी आदित्यनाथ की सरकार कोविड काल में भी विकास को गति देने में जुटी है। लखनऊ आउटर रिंग रोड से निकला ‘किसान पथ’ बनकर तैयार है। इसकी नींव पिछले तीन साल पहले रखी गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लखनऊ को दी जाने वाली सरकार की यह एक बड़ी सौगात होगी। करीब 280 करोड़ रुपये खर्च कर बने 11 किमी लंबे किसान पथ को पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम ने पूरा कर लिया है। अब केवल लोकार्पण का काम बाकी है।
बाहर से निकल जाएंगे भारी वाहन :- भारी वाहन चालक बगैर किसी ट्रैफिक जाम के सुल्तानपुर रोड से अयोध्या रोड, कुर्सी रोड हुए सीतापुर रोड पहुंच सकेंगे। उन्हें शहर के भीतर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। किसान पथ शुरू होने से गोरखपुर, अयोध्या की ओर से आने वाले वाहन बिना शहर में अंदर आए सुल्तानपुर, वाराणसी के लिए जा सकेंगे। बड़े वाहनों को सबसे अधिक सहूलियत होगी, जिनकी वजह से चिनहट, कमता पर जाम लगता है। अभी इनका कमता से शहीद पथ होते हुए आना होता है। इससे कई बार दिन में भी ट्रकों का जमावड़ा कमता और अहमामऊ पर लग जाता है। अयोध्या हाईवे से कुर्सी रोड के बीच सेक्शन को पहले ही एनएचएआई पूरा कर शुरू कर चुका है। ऐसे में सुल्तानपुर रोड से आने वाला ट्रैफिक कुर्सी रोड होते हुए सीताप़ुर हाइवे जा सकेगा। इससे भी रिंगरोड का ट्रैफिक कम होगा।
आउटर रिंग रोड – कुल लंबाई 104 किमी
– कुल बजट 5400 करोड़
– मई 2022 तक पूरा होगा
– कुल लंबाई 104 किमी
– 16 सितम्बर 2016 को हुआ था शिलान्यास किसान पथ -11 किमी लम्बा है किसान पथ
– 280 करोड़ रुपये निर्माण में हुए खर्च
– 03 साल पहले बनना हुआ था शुरू
फायदे – रोजाना 42 हजार से अधिक गाड़ियां आउटर रिंग रोड से गुजरेंगी
-लखनऊ को जाम से मिलेगा छुटकारा, भारी वाहनों का प्रवेश लखनऊ में नहीं होगा.