पुलिस मुख्यालय में तैनात थी महिला सिपाही बाराबंकी के असंद्रा थाने से स्थानांतरित होकर पुलिस मुख्यालय में तैनात महिला सिपाही रुचि सिंह संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी। इसके बाद सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मुख्यालय पर तैनात अनुभाग अधिकारी ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। महिला सिपाही सात दिन से लापता थी, जिसके बाद गुरुवार को लखनऊ में पीजीआई इलाके के माती स्थित नाले में उसका शव पड़ा मिला था।
13 फरवरी से थी रुचि सिंह लापता बिजनौर निवासी रुचि सिंह की तैनाती पुलिस मुख्यालय में थी। 13 फरवरी को उसकी ड्यूटी थी। काम पर नहीं आने पर रुचि को उसके साथी तलाश रहे थे। उसकी सहेली ने सोशल मीडिया में पोस्ट डाल कर मदद मांगी थी। वहीं, रुचि का मोबाइल फोन भी लगातार बंद था। सिपाही के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने के बाद शनिवार को गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी।
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मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपियों को तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाएगा गुरुवार को पीजीआई क्षेत्र में मिला शव वहीं, गुरुवार को माती स्थित नाले में एक महिला का शव मिला था। जिसका हुलिया लापता सिपाही से मेल खा रहा था। एसीपी कैंट अर्चना सिंह के मुताबिक शव की पहचान के लिए सिपाही के भाई शुभम और पिता योगेंद्र को सूचना दी गई थी। रविवार को शुभम लखनऊ पहुंचा था। जिसके बाद पुलिस उसे लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंची थी। जहां शुभम ने शव की पहचान बहन रुचि के तौर पर की है।
फेसबुक के जरिए हुई थी दोनों में दोस्ती लापता सिपाही के मोबाइल की डिटेल खंगालने पर पुलिस को एक संदिग्ध नम्बर मिला था। जो प्रतापगढ़ के रानीगंज में तैनात तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव का था। इस सूचना पर तहसीलदार को हिरासत में लिया गया। पूछताछ किए जाने पर पद्मेश ने बताया कि फेसबुक के जरिए रुचि से उसकी दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच गहरे संबंध थे।
कई सवालों के जवाब मिलना अभी बाकी है पुलिस के अनुसार पीजीआई थाना प्रभारी धर्मपाल सिंह ने बताया कि पद्मेश श्रीवास्तव से हत्या किस तरह और कब की गई। शव को कैसे ठिकाने लगाया। इन सवालों के जवाब मिलना बाकी है। उनसे पूछताछ की जा रही है।