कोरोना महामारी की घड़ी में उत्तर प्रदेश पुलिस की इमरजेंसी सर्विस 112 अधिक तेजी के साथ सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि किसी भी तरह की जरूरत में यूपी 112 पर फोन करने पर पूरी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले इसी भरोसे के आधार पर 25 मार्च की शाम 7 बजे तक करीब 9 हजार लोगों ने यूपी 112 पर कॉल कर पुलिस से मदद से मदद मांगी। इसमें 1300 लोग ऐसे थे, जिन्होंने राशन के लिए पुलिस से मदद मांगी थी।
सरकार की कई योजनाएं :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से कहा है कि लॉकडाउन में जनता अपने घरों में रहे, सरकार किसी को भी भूखे पेट सोने नहीं देगी। सभी जरूरी सामान आपके घर तक पहुंचाया जाएगा। योगी सरकार ने कई योजनाओं को मूर्त रुप दिया है। जिसमें जरुरतमंदों को रोटी पहुंचने के लिए कम्युनिटी किचन,राशन की होम डिलीवरी के लिए मॉल व ग्रोसरी स्टोर्स व एक अप्रैल से दिहाड़ी मजदूरों को तीन महीने का मुफ्त गेहूं-चावल भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। पर अभी पूरी तरह से यह सुविधा जरुरत मंदों को मिलने में समय लगेगा। इस बीच लॉकडाउन की वजह से भूख से पीड़ितों की हालात खराब है। पर डायल यूपी 112 इसमें कुछ सार्थक मदद करने में कामयाब हो रही है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने बताया कि डायल यूपी 112 पर बुधवार को एक हजार से अधिक लोगों ने भूख की शिकायत की और जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खाना मुहैया कराया। इसमें सबसे अधिक 610 लोगों ने लखनऊ से मदद मांगी। लखनऊ पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने बताया कि सुबह से कई थाना क्षेत्रों में लोगों को पुलिस ने खाना मुहैया कराया है।
आपसे ही मदद का सहारा :- असीम अरुण ने बताया कि डायल यूपी 112 पर आई 9000 कॉल्स में एक कॉल नोएडा के सेक्टर 59 से थी। कॉलर ने बताया कि वो जिस कंपनी में काम करता है, वो बंद हो गई है। आखिरी वेतन का जो चेक मिला है, उसे वह लॉक डाउन के चलते भुना नहीं पा रहा है। अब न जेब में रुपए हैं और न ही घर में राशन बचा है। अब आपसे ही मदद का सहारा है इसी तरह, मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र से एक महिला ने फोन कर राशन का इंतज़ाम करने को कहा था।
ऐसा जज्बा देगा कोरोना वायरस को मात :- यूपी 112 में कानपुर में तैनात महिला सिपाही मनीषा छुट्टियों में अपने घर गई हुई थी। छुट्टियां खत्म हुईं तो पूरा देश लॉकडाउन हो चुका था। मनीषा ने यूपी 112 के एडीजी असीम अरुण को फोन किया और पूरी बात बताई। मनीषा ने कहा कि वह ड्यूटी करना चाहती है। अगर संभव हो तो उसकी ड्यूटी गाजियाबाद में लगा दी जाए। महिला सिपाही के इस जज्बे को देख असीम अरुण ने सलाम किया और उसे हापुड़ में ही संबद्ध करने का फैसला किया।