आजम खां की गंभीर हालात पर चिंतित प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा, यूपी में निकृष्टतम शासकों का राज्य बेहतर कोविड प्रबंधन कोराना संक्रमण से निपटने लिए प्रदेश और जिला स्तर पर बेहतर कोविड प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना वायरस की तीसरी लहर में कोई चूक न हो इसके लिए क्विक रिस्पांस टीम गठित की जा रही है।
हर जिला चिकित्सालय में पीकू सीएम योगी ने प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 10 बेड तथा हर मेडिकल कॉलेज में कम से कम 25 बेड का पेडियेट्रिक आईसीयू (पीकू) बनाने का निर्देश जारी किया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग मिलकर प्रत्येक मंडल मुख्यालयों में 100 बेड का पीकू तैयार करेंगे। इसके साथ ही जल्द ही पीडियाट्रिशियन्स को ट्रेनिंग दी जाएगी।
संसाधनों के आडिट की व्यवस्था सभी जिलाधिकारियों जिम्मदारी सौंपी गई है कि जिले में उपलब्ध प्रत्येक वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के बारे में पता लगाएं। एनेस्थीटिक्स व टेक्नीशियन की व्यवस्था की जा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता और जरूरत का आंकलन हो रहा है। निजी एंबुलेंस का किराया जिलों में तय कर दिया गया है।
वैक्सीनेशन पर जोर कोरोना वैक्सीनेशन कार्य को तेज किया जा रहा है। अक्टूबर तक यूपी की अधिकतर आबादी को वैक्सीन लग चुकी होगी। जल्द ही 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग का वैक्सीनेशन कार्य सभी जनपदों में शुरू होगा। अब तक यूपी में एक करोड़ 40 लाख 70 हजार 927 लोगों का टीकाकरण हो चुका है।
ऑक्सीजन का भरपूर स्टॉक ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की तैयारी है। बड़े पैमाने पर निजी निवेशक विभिन्न जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं। ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए परिवहन, टैंकर और लॉजिस्टिक चेन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए ऑक्सीजन उत्पादन आपूर्ति नीति बन रही है। ऑक्सीजन की बैकअप रखने की व्यवस्था होगी।
आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। आईसीयू बेड और चाइल्ड स्पेश्लिस्ट की भर्ती की जा रही है।
हर जगह टेस्टिंग कार्य तेज कोविड टेस्टिंग कार्य को तेज कर दिया गया है। बीते 24 घंटों में 2,33,705 टेस्ट किये गए, इनमे 1,16,000 से अधिक टेस्ट आरटीपीसीआर विधि से हुए। गांवों में संदिग्धों पर पैनी नजर
गांवों में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए स्क्रीनिंग और टेस्टिंग कार्य को और तेज किया गया है। संदिग्धों को मेडिकल किट के साथ उनके नाम, टेलीफोन नंबर की सूची तैयार की जा रही है। जिलाधिकारी आईसीसीसी के जरिए इन व्यक्तियों पर निगरानी रखेंगे।