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इसके साथ ही डा०अजय राजा अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एनयूएचएम ने भी सभी प्रतिभागियों को भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य लखनऊ को 2021 तक टीबी मुक्त शहर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जो अपेक्षा की जा रही है, उसमें सभी की अपनी-अपनी अहम भूमिका है। बता दें कि राजधानी लखनऊ के सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्षयरोग जांच की व्यवस्था प्रारंभ की जाएगी। प्रथम चरण में 12 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को चिन्हित कर उनके प्रयोगशाला टेक्निशियन का कार्यक्रम अंतर्गत प्रशिक्षण पूर्ण करा दिया गया है और दूसरे चरण और तृतीय चरण में सभी केंद्रों उपरोक्त व्यवस्था प्रारंभ करा दी जाएगी।
लक्ष्य को प्राप्त करने की दी अहम जानकारी
डॉ उमेश त्रिपाठी आरएनटीसीपी उप्र डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट ने भी भारत सरकार की नये दिशा निर्देशों तथा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अहम जानकारी दी। कार्यक्रम मौजूद दिलशाद हुसैन डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर तथा नोडल आरएनटीसीपी- डाक विभाग ने बताया कि लखनऊ में 15 जुलाई 2019 से डाक विभाग के सहयोग से टीबी मरीजों की आधुनिक जांच डाकियों के माध्यम से शुरू कर दिया गया है। डाक विभाग द्वारा रिकॉर्ड समय 24 घंटे के अंदर ही क्षयरोगियों के लिए बलगम सीबीनांट लैब डीटीसी लखनऊ पर डिलीवरी कर दिया गया है।
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ये लोग रहे मौजूद
नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रयोगशाला टेक्नीशियन का कार्यशाला आयोजन में दौरान अभय चंद्र मित्रा, राम जी वर्मा फहीम अहमद, लोकेश कुमार तथा पीएस चौहान भी उपस्थित रहे।