प्रदेश में लव जेहाद और मतांतरण संबंधित कानून 27 नवंबर 2020 को योगी सरकार ने लागू किया था। करीब ढाई साल में 427 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 833 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस लिहाज से देखें तो प्रत्येक दो दिन पर लव जेहाद का एक मामला पुलिस रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है।
उक्त डाटा के अलावा यह भी चौकाने वाला तथ्य है कि 185 लोगों ने न्यायालय में स्वीकार किया है कि उनका धर्म जबरन दबाव लालच देकर बदलवाया गया है। ऐसे में अनेक मामले लव जेहाद से भी संबंधित है। जबकि नाबालिग युवतियों के धर्मांतरण का भी मामला सामने आया है। कुल नाबालिगों की तादाद 65 है जिनका मतांतरण कराया गया है। इन ढाई सालों में पश्चिम यूपी में मतांतरण की रफ्तार में थोड़ी कमी आई है।
धर्म परिवर्तन और लव जेहाद के सर्वाधिक मामले यूपी के बरेली जिले में दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा दिव्यांगों का मतांतरण करने का भी मामला सामने आया है। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने एक ऐसे ही गिराहे का भंडाफोड़ किया है। देश के संविधान ने पहले धर्म, आस्था और पूजा की स्वतंत्रता दे रखी है जिसमें आप अपने पसंद के धर्म या मजहब को अपना सकते हैं। लेकिन किसी भी प्रकार के लालच, दबाव अथवा डर के कारण यदि कोई धर्म बदलता है तो यह अपराध की श्रेणी में आएगा।
अंतरधार्मिक विवाह करने से पहले बालिग युवक और युवती को विवाह के दो माह पहले अपने जिले के जिला मजिस्टे्रट को सूचित करना होगा। कानून में प्रावधान किया गया है कि धोखे में रखकर, जबरन, लालच देकर धर्मांतरण गैर कानूनी है।
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का कानून 27.11.2020 से लागू है। सरकार द्वारा जो एक्ट लाया गया था उसका सख्ती से अनुपालन कराया जा रहा है। जो भी लव जिहाद के दायरे में लाते हुए धर्मांतरण को जोर दे रहे हैं उनके खिलाफ विधि संबंधित कार्रवाई करने के लिए सरकार संकल्पित है।
– प्रशांत कुमार, स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर लखनऊ