मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नमामि गंगेÓ परियोजना के साथ ही, वर्ष 2019 में प्रयाग में होने वाले कुम्भ को
ध्यान में रखकर गंगा की सफाई और संरक्षण पर काम होना चाहिए, जिससे इस मेले के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ, साफ व अविरल गंगा जी के दर्शन हों।
उन्होंने नेशनल गंगा बेसिन अथॉरिटी और नमामि गंगे से सम्बन्धित कुल 28 परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि एनजीआरबीए की 11 परियोजनाओं को हर हाल में दिसम्बर, 2018 तक पूरा किया जाए। योगी ने विभिन्न टेनेरियों, गंदे नालों एवं सीवर के माध्यम से गंगा में प्रवाहित होने वाली गंदगी को प्रयाग कुम्भ के पूर्व रोके जाने के निर्देश देते हुए कहा कि निर्माणाधीन एसटीपी एवं आवश्यकतानुसार नई एसटीपी को प्रस्तावित कर उनसे सम्बन्धित कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए।
योगी ने गंगा, यमुना, हिण्डन व अन्य नदियों की निर्मलता और सफाई को नैतिक, सामाजिक व सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को इस दिशा में तेजी से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सुधार हुआ है, किन्तु अभी और कार्य सुनिश्चित करने होंगे। उन्होंने कहा कि नदियों में प्रवाहित किए जाने वाले शवों और पशुओं को रोका जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने गंगा को प्रदूषणमुक्त बनाए जाने के उद्देश्य से कानपुर तथा कन्नौज में चल रही चर्म उद्योग की इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से शिफ्ट किए जाने के लिए निर्देशित किया।
जारी निर्देश में मुख्यमंत्री ने नदियों में पानी की कमी के सम्बन्ध में कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सिंचाई व जल की समस्या से निपटने के लिए नदियों का पानी अनेक नहरों की ओर डायवर्ट किया जाता है, जिससे नदियों में जल की मात्रा कम हो जाती है। किसानों के हितों को देखते हुए सिंचाई आदि कार्य हेतु नहरों में जल की पर्याप्त उपलब्धता के साथ-साथ शहरों की पेयजल समस्या का समाधान भी जरूरी है।