KGMU में बायोकेमेस्ट्री के हेड अब्बास अली मेहदी ने बताया, “फसलों और खानपान की चीजों में अब अंधाधुंध खतरनाक रासायनिक पदार्थों और कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। रिसर्च में पाया गया कि मां के दूध में भी खतरनाक कीटनाशकों की मात्रा मौजूद है।”
अब्बास अली मेहदी ने आगे बताय, “नवजात शिशु के शरीर के लिए ऐसा दूध खतरनाक ही है। मेहदी ने यह भी कहा कि जन्म से ही बच्चों को इस तरह के घातक रसायन मिलने की वजह से ही अब कम उम्र में ही लोगों को अलग तरह की बीमारियां हो रही हैं।”
बचाव का यही है एकमात्र उपाय
मेहदी ने बताया “अगर महिलाएं इससे बचाव करना चाहती हैं तो वो हरी सब्जियों और फलों का खाना चाहिए। फलों और सब्जियों का खाने से पहले उनको अच्छे से साफ कर लेना चाहिए। कोशिश करें कि फल का छिलका उतारकर ही खाएं। अपनी डाइट में रोज कुछ न कुछ नया जोड़ते रहें। यही बचाव का एकमात्र उपाय है।
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उन्होंने ने आगे बताया, नॉनवेज के शौकीन लोगों को अच्छा चिकन परोसने के चक्कर में जानवरों को कई तरह के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। उनका वजन बढ़ाया जा रहा है। यह बड़ी वजह है कि मांसाहार का सेवन करने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में कीटनाशक ज्यादा पाए गए हैं।