विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 एमएलसी सीटों पर 15 मार्च से चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। भाजपा सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में योगी सरकार के हारे मंत्रियों को मौका दे सकती है। इस चुनाव के जरिए पाटी उच्च सदन में अपनी ताकत बढ़ाने का काम भी करेगी। राज्य विधान परिषद में अभी भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी की तुलना में कमजोर है। इस कारण कई प्रस्ताव परिषद में पारित नहीं हो पाते हैं। लिहाजा बीजेपी का पूरा फोकस सदन में ताकत को बढ़ाना है। इसलिए फिर से सत्ता में लौटने के बाद एमएलसी चुनाव में भाजपा बहुमत पाने पर पूरा जोर देगी।
हारे हुए मंत्रियों को मिल सकता है मौका भाजपा के सूत्रों का कहना है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव में हारे हुए अपने प्रमुख नेता और मंत्रियों को मौका दे सकती है। इसमें केशव प्रसाद मौर्य, सुरेश राणा, संगीत सोम, सतीश द्विवेदी, उपेंद्र तिवारी जैसे कई नाम शामिल हैं। इन्हें एमएलसी बनाकर एक बार फिर नई सरकार में शामिल किया जा सकता है।
जारी हो चुकी है अधिसूचना विधान परिषद के चुनावों को विधानसभा चुनाव के साथ ही कराने का पहले फैसला किया गया था। चुनाव आयोग ने इसके लिए समय सारिणी भी घोषित कर दी थी। लेकिन बाद में 4 फरवरी को इस संबंध में जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया गया। अब विधानसभा चुनाव होने के बाद 15 मार्च को चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले दो चरणों में चुनाव होना था। अब इसे एक चरण में ही कराने का फैसला लिया गया है।
ये भी पढ़ें: बोर्ड परीक्षा की तारीखें घोषित, जानें क्या है शेड्यूल कैसे होगा पैटर्न उच्च सदन में मजबूत हुई बीजेपी दिसंबर 2020 में विधान परिषद शिक्षक एवं स्नातक बोर्ड की 11 सीटों पर चुनाव से पहले सदन में एसपी के 52 और बीजेपी के केवल 19 सदस्य थे। जनवरी 2021 में 12 पदों के चुनाव में बीजेपी को दस सीटें और एसपी को सिर्फ दो सीटें मिली। वर्तमान में भाजपा के सदस्यों की संख्या 36 है जबकि 48 सदस्यों के साथ वह सबसे शक्तिशाली है।