पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सीओ देवेंद्र मिश्र को बहुत करीब से 4 गोलियां मारी गई थीं। इसमें से तीन उनके शरीर से आर-पार हो गईं। एक गोली उनके सिर में, एक छाती में और 2 पेट में लगी थीं। दुबे और उसके साथियों ने सीओ को गोलियां मारने के बाद धारदार हथियार से उनका पैर भी काट दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक सभी गोलियां “प्वाइंट ब्लैंक रेंज” से यानी शरीर से बंदूक सटाकर मारी गईं।
आठ से दस गोलियां मारी गईं एक-एक पुलिसवाले को- इसके अलावा एसओ महेश चंद्र यादव, उपनिरीक्षक अनूप कुमार सिंह, उपनिरीक्षक नैबू लाल, कॉन्सटेबल सुल्तान सिंह, कॉस्टेबल जीतेंद्र सिंह, कॉन्सटेबल बबलू और कॉन्सटेबल राहुल कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उनके साथ बर्बता किए जाने के साक्ष्य मिले हैं। हत्या के बाद पुलिस कर्मियों के शवों को पेट्रोल से जलाने की कोशिश भी अपराधियों ने की थी। रिपोर्ट के मुताबिक 3 पुलिस कर्मियों के सिर पर और 1 के चेहरे पर गोली मारी गई। सिपाही सुल्तान को सबसे कम दो गोलियां मारी गईं, जबकि अन्य को आठ से दस गोलियां मारी गईं, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
ये भी पढ़ें- योगी सरकार में अब तक हुए 119 एनकाउंटर, कोर्ट ने कहा- यूपी में एनकाउंटर गंभीर मामला, फिर भी जारी है ठोको अभियान सीओ का भेजा बाहर आ गया था- सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर शरीर पर गोलियों के निशान देखकर दंग रह गए। गोलियां पुलिस कर्मियों के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में मारी गईं। सीओ देवेंद्र मिश्र के चेहरे पर एक गोली लगने से वाइटल ऑर्गन (मस्तिष्क) बाहर आ गया और उन्होंने तुरंत दम तोड़ दिया। तकरीबन यही हाल अन्य पुलिस कर्मियों का भी हुआ। ज्यादातर गोलियां शरीर के शरीर के पार हो गईं। तीन पुलिस कर्मियों के शरीर में गोलियों के कई टुकड़े मिले हैं। ये गोलियां हड्डियों से टकराने के कारण कई टुकड़ों में बंट गईं। रिपोर्ट के मुताबिक दुबे और उसके साथियों ने ज्यादातर गोलियों रायफल से चलाई गई थीं।