कानपुर में असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़ा खुलने के बाद हड़कंप मचा है। फर्जीवाड़ा और कमियां मिलने पर पूर्व डीएम आलोक तिवारी ने एसआईटी जांच की संस्तुति की थी। एसपी एसआईटी देवरंजन वर्मा के नेतृत्व में कमेटी जांच कर रही है। एसआईटी भी शहर आकर पड़ताल कर चुकी है। प्रशासन से फिर असलहा लाइसेंस की जांच करके रिपोर्ट मांगी है। निर्धारित फॉर्मेट पर जानकारी देनी होगी।
ये भी पढ़ें : FIR : कहीं से भी कर सकते हैं एफआईआर, थाने जाने की नहीं होगी जरूरत एक साल पहले क्यों हुई थी जांच एक साल पहले भी कलेक्ट्रेट में शस्त्र लाइसेंस की जांच हो चुकी है। उस वक्त फर्जीवाड़ा मिलने के बाद ही आलोक तिवारी ने एसआईटी जांच की संस्तुति की थी। टीम ने यहां आकर एक-एक असलहा लाइसेंस फाइलों की जांच की थी। इसमे सैकड़ों फाइलें गायब मिली थी।
इन मजिस्ट्रेट को मिलेगी जिम्मेदारी – राजेश कुमार एसीएम प्रथम – जियालाल सरोज एसीएम तृतीय – गुलाब चंद्र एसीएम चतुर्थ – वान्या सिंह एसीएम पष्ठम अब तक ये हो चुके फर्जीवाड़े
– 21 फर्जी ट्रांजिट लाइसेंस के जरिए कलेक्ट्रेट से असलहा व कारतूस बेचे जा चुके – 03 कलेक्ट्रेट के लिपिक असलहा फर्जीवाड़े में बर्खास्त हो चुके – 93 फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाए जा चुके
– 171 विकास दुबे समेत असलहा लाइसेंस की फाइलें गायब हो चुकीं