दोषियों को दी जाए सजा
मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की घटना पर महंत परमहंस दास (तपस्वी जी की छावनी) ने कहा कि दोषी को फांसी की सजा होनी चाहिए, ताकि एक कड़ा सन्देश समाज में जाए, उन्होंने कहा गोधरा कांड के बाद किसी भी हिंदू संगठन ने नहीं कहा कि सभी हिंदू हथियार रखें क्योंकि देश में अखंडता और एकता की जरूरत है। कुछ चंद लोग हिंदुस्तान का माहौल खराब करना चाहते हैं और देश को संघर्ष की आग में जलाना चाहते हैं।
कल्बे जव्वाद ने पलटा अपना बयान
इसके बाद मौलाना कल्बे जव्वाद ने फिर से अपना बयान पलटते हुए कहा कि 26 तारीख को जो कैंप लगेगा उसमें सिर्फ और सिर्फ लोगों को यह जानकारी दी जाएगी कि सरकार से असलहा कैसे प्राप्त होगा। असलहे के लिए कैसे आवेदन करना होगा। साथ ही कहा कि 26 तारीख को लगने वाले कैंप में लोगों को कोई हथियार की ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी और न ही किसी प्रकार के हथियार के बारे में जानकारी दी जाएगी।
जफरयाब जिलानी ने कहा यह
वहीं ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंमबर जफरयाब जिलानी ने भी कहा कि हथियार रखने के लिए लोगों को जोनकारी देना कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी जान बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनका कहना है कि मुसलमान सिर्फ मरने के लिए नहीं है वह अपनी सुरक्षा के लिए मार भी सकता है। इसको लेकर बीजेपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि इस बात का जवाब दें कि इस मॉब लिंचिंग की शुरुआत किसने की थी। वो तो कांग्रेस की सरकार में शुरू हुई थी।