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लखनऊ

जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान का काम शुरू, जिनकी तोड़ी जाएंगी दुकानें, उन्हें मिलेंगी नई

मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत उत्तराखंड के जागेश्वर धाम और आदि कैलाश के मास्टर प्लान के तहत निर्माण की कवायद तेज हो गई है।

लखनऊJul 12, 2024 / 08:07 pm

Anand Shukla

Jageshwar Dham's Master plan work started whose shops will be demolished will get new
Jageshwar Dham: जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान के तहत निर्माण की कवायद तेज हो गई है। इसी को लेकर अफसरों ने हितधारकों के साथ बैठक कर जानकारी ली। लोगों ने दो टूक कहा कि मकान और दुकान तोड़ने से पहले उन्हें नया बनाकर दिया जाए, तभी जाकर वह पुराने को छोड़ेगे।
जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान सीएम पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। मास्टर प्लान में पहले चरण में करीब 10 करोड़ से इल्युमिनेशन(लाइटिंग) का काम शुरू हो गया है। पहले चरण में मंदिर प्रवेश द्वार के पास पांच- छह दुकानें भी मास्टर प्लान की जद में आ रही हैं। इसी को लेकर शुक्रवार को जिला पर्यटन विकास अधिकारी अमित लोहनी, लोनिवि के एई की मौजूदगी में हितधारकों, व्यापारियों और मंदिर समिति सदस्यों के साथ बैठक हुई। सबसे पहले अधिकारियों ने मास्टर प्लान की असल तस्वीर पीपीटी के माध्यम से लोगों के सामने रखी।

बैठक में गहमागमी का रहा माहौल

जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में कुबेर मंदिर मार्ग पर बने दो रेस्टोरेंट और फोटो स्टूडियों के स्थान पर नीचे ग्राउंड फ्लोर में शौचालय और पहले फ्लोर में संबंधित हितधारकों के लिए दुकानें बनाई जानी हैं। इसे लेकर बैठक में गहमागमी का माहौल रहा। आखिरकार दो कैफेटेरिया और एक स्टूडियों के अलावा दूसरी मंजिल पर बनी दुकानों के बदले अतिरिक्त दुकानें बनाने पर सहमति बनी। साथ ही दूध डेरी के बगल में प्रसाद की दो दुकानों को हटाकर उन्हें कुबेर मंदिर मार्ग में ही नया बनाकर देने की बात अफसरों ने कही।

लोगों ने ये मांग भी उठाई

बैठक में पहुंचे लोगों ने एक स्वर में कहा कि मास्टर प्लान के साथ ही जागेश्वर मंदिर के आसपास के सभी प्राचीन भवनों का भी जीर्णोद्धार डीपीआर में शामिल हो। इसके साथ ही कहा कि एएसआई से परमिशन नहीं मिलने के कारण उनके प्राचीन भवन जगह- जगह टपक रहे हैं। इससे भवनों को खतरा बना हुआ है। करीब एक दर्जन प्राचीन शैली के भवनों पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि उनके पटालदार प्राचीन भवनों का जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो वह आंदोलन शुरू कर देंगे। मास्टर प्लान में इसका स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए।
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पहले चरण में टूटेंगी पांच दुकानें

बैठक में पहुंचे जिला पर्यटन विकास अधिकारी अमित लोहनी ने स्पष्ट किया कि पहले चरण में पांच दुकानों के अलावा अन्य कोई भवन नहीं तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों का संशय बेवजह है। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण में क्या- क्या काम होना है, इसकी जानकारी जल्द ही कंसल्टेंसी कंपनी आईएनआई के अधिकारी लोगों को देंगे। उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द हित धारकों के साथ आईएनआई कंसल्टेंसी के अधिकारी बैठक कर तीसरे फेज की स्थिति स्पष्ट करेंगें।

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