राजधानी पर स्वाइन फ़्लू का सबसे ज्यादा असर प्रदेश में स्वाइन फ़्लू का सबसे अधिक असर राजधानी लखनऊ में देखा जा रहा है। यह हालत तब है जब लखनऊ में पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया संस्थान जैसे केंद्र मौजूद हैं और लखनऊ में स्वाइन फ़्लू को लेकर व्यापक पैमाने पर जागरूकता के अभियान चलाये गए। राजधानी लखनऊ में इस वर्ष अब तक स्वाइन फ़्लू से 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 1756 लोग बीमार हो चुके हैं। इसी तरह लखनऊ में डेंगू के इस वर्ष अब तक 48 मामले सामने आये हैं जिनमें से दो लोगों की मौत हो चुकी है।
सितंबर में बढ़ेंगे स्वाइन फ़्लू और डेंगू के मामले जानकार मानते हैं कि सितंबर में डेंगू और स्वाइन फ़्लू का असर बढ़ेगा। जिस तरह से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और मौतों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, वैसे में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों को पुख्ता नहीं किया तो यह बीमारी आने वाले दिनों में खतरनाक रूप ले सकती है। बारिश का मौसम शुरू होने से पहले लखनऊ हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस भेजकर डेंगू से निपटने की तैयारियों को लेकर जवाब माँगा था। हाईकोर्ट की नोटिस के बाद स्वास्थ्य महकमे ने जागरूकता अभियानों की शुरुआत की और बीमारियों से निपटने की तैयारियां पुख्ता होने का दावा किया।
स्वास्थ्य महकमे का मुस्तैदी का दावा स्वाइन फ़्लू के रोगियों के लिए राजधानी में दवा वितरण केंद्रों की स्थापना की गई है। किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय और एसजीपीजीआई में स्वाइन फ़्लू के रोगियों को दवा देने के लिए सहायता केंद्र की शुरुआत की गई है। इन सहायता केंद्रों पर स्वाइन फ़्लू के मरीजों को दवाएं देने की व्यवस्था की गई है। लखनऊ के सीएमओ डॉ जीएस बाजपेई ने बताया कि स्वाइन फ़्लू से बचाव के लिए राजधानी लखनऊ में लगातार जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे हैं। सीएमओ दावा करते हैं कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू और स्वाइन फ़्लू के मरीजों के परीक्षण और इलाज की व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं।