दरअसल, हुआ ये था कि केरल में बारिश के मौसम ऐसा मामला सामने आ चुका है जिसमें एक 52 वर्षीय महिला उस समय मोटरसाइकिल से गिर गई जब उसने बारिश के दौरान छाता खोलने की कोशिश की। इस दौरान मोटरसाइकिल उसका बेटा चला रहा था। महिला के सिर में गंभीर चोटें आईं और बाद में उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इसके बाद मजबूर केरल ट्रैफिक पुलिस को ये कदम उठाना पड़ा।
हाँ मगर उत्तर प्रदेश में अगर ऐसे ही मामले सामने आ गये तो हो सकता है कि यहाँ की ट्रैफिक पुलिस भी केरल के इस नियम को अपने प्रदेश में लागू करने के बारे में सोच सकती है। अगर ऐसा नहीं भी तो होता है तो बेहतर है कि आप खुद अपनी सुरक्षा करें और संभल कर रहें और बारिश के दौरान बाइक या स्कूटी पर छाता लगाकर न चलें।
केरल की ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि नॉन-एयरोडायनामिक डिजाइन के कारण दोपहिया वाहन पर बैठना और उसे संभालना और भी ज्यादा खतरनाक होता है। बरसात के मौसम के साथ ही राज्य में तेज रफ्तार हवाएं भी आम हो गई हैं। खुली छतरी और तेज हवा के साथ इसके परिणाम काफी खतरनाक हो सकते हैं। केरल की ट्रैफिक पुलिस छतरी का उपयोग करने वाले किसी भी मोटरसाइकिल सवार पर कड़ी नजर रखेगी और उसके खिलाफ चालान जारी करेगी।