हर ब्लॉक में चार-पांच एंबुलेंस रहेंगी
उत्तराखंड में अभी तक एक ब्लॉक में एक या दो एंबुलेंस उपलब्ध थीं। ऐसे में मरीजों तक पहुंचने का रिस्पांस टाइम ज्यादा था। अब ब्लॉकों में एंबुलेंस की संख्या चार से पांच कर दी गई हैं। ऐसे में रिस्पांस टाइम घटाकर एंबुलेंस की संचालन कंपनी को नए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी पर्वतीय क्षेत्रों में 35 मिनट और मैदानी क्षेत्रों में 20 मिनट अधिकतम समय निर्धारित था। इतने समय के भीतर एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर एक हजार रुपये जुर्माना तय था। इस राशि को बढ़ाकर अब तीन हजार रुपये किया गया है।
एंबुलेंस अस्पताल से निशुल्क ले जाएगी शव
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में किसी मरीज की मृत्यु होने पर सरकारी एंबुलेंस से पार्थिव शरीर को निशुल्क घर तक छोड़ा जाएगा। अभी तक प्रति किमी 52 रुपये किराया तय है। इससे मृतकों के परिजनों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा था। अब इस व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। अब अस्पताल से शव को एंबुलेंस के माध्यम से निशुल्क घर तक पहुंचाया जाएगा। ये भी पढ़ें:-
1219 प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची निरस्त, सात साल बाद मिला इंसाफ एंबुलेंस और कर्मचारी आउटसोर्स करने की तैयारी
उत्तराखंड में अभी सरकार की ओर से खरीदी गई 108 एंबुलेंस को प्राइवेट कंपनी संचालित करती है, लेकिन अब सरकार नई योजना पर काम कर रही है। इसके तहत एंबुलेंस पुरानी होने पर यह पूरा काम आउटसोर्स एजेंसी को दे दिया जाएगा। यानी एंबुलेंस भी आउटसोर्स एजेंसी ही खरीदेगी और कर्मचारी भी खुद रखेगी। सरकार का तर्क है कि इससे सरकारी खर्च बचेगा।