ये भी पढ़ें- यूपी सरकार का बड़ा फैसला, वीकेंड लॉकडाउन खत्म, अब केवल एक दिन होगी बंदी हम घने अंधेरे जंगल के बीच खड़े हैं- कोर्ट- लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि छात्र हरगोविंद पांडेय के पत्र पर कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता एवं न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने सुनवाई की। पत्र में लिखा था कि राज्य के लगभग सभी जिलों में बड़ी संख्या में हुक्का बार चल रहे हैं, जहां से कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका है क्योंकि वहां काफी युवा जाते हैं। कोर्ट ने इस पर कहा कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रतिदिन हजारों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। यह मानव जीवन के अस्तित्व के लिए बेहद खतरनाक है। हम घने अंधेरे जंगल के बीच खड़े हैं। कल क्या होगा, इसका किसी को पता नहीं है। यदि रेस्टोरेंट व कैफे में हुक्का बार पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो यह सामुदायिक संक्रमण का रूप ले लेगा। कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद कोरोना जंगल की आग की तरह फैलता जा रहा है।