NEET का हाई स्कोर और महंगी फीस सबसे बड़ी समस्या अगर भारतीय कॉलेजों में NEET स्कोर और महंगी फ़ीस पर बंद होते हैं, तो डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले भारतीय छात्रों के लिए कम से कम 20 अन्य विकल्प खुले हैं। इनमें रूस, यूक्रेन मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सबसे अच्छे विकल्प के तौर पर हैं। वहीं बढ़ते हुए क्रम में देखें तो चीन के साथ साथ लगभाग एक दर्जन देशों में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई यहाँ से काफी ज्यादा सस्ती है।
Abroad में भारतीय स्टूडेंट की मांग और सस्ती पढ़ाई दुनिया भर में अच्छी क्वालिटी और सस्ती मेडिकल एंजिनियरिंग की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में भारतीय स्टूडेंट भी अब अच्छी और सस्ती शिक्षा के लिए दूसरे देशों में लाखों की संख्या में जानें लगे हैं। जिनमें अजरबैजान, ज़गरेब, बांग्लादेश, फिलीपींस, यूक्रेन, चीन, रूस, पोलैंड जैसे देश हैं। दुनिया के छोटे देशों के मेडिकल स्कूलों ने भारत में बड़ी संख्या में एनईईटी उम्मीदवारों को जगाया है, बड़ी स्थिति यह है कि इनमें से 95% उम्मीदवारों को स्थानीय भारतीय कॉलेज में समायोजित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में बचे हुए 90 % से अधिक स्टूडेंट के लिए विदेश से अच्छी शिक्षा लेना ही विकल्प है।
MBBS फीस कितनी है भारत में एमबीबीएस कोर्स करने के लिए एवरेज फीस लगभग 12 लाख रु प्रति साल होती है। जबकि 5 साल के कोर्स में ये 50 लाख से 60 लाख के बीच होती है। वहीं भारत के ही कई प्राइवेट कालेज में ये फीस करोड़ो रु तक हो जाती है। जबकि विदेश में ये फीस 50 % से भी कम में रहना खाना और पढ़ाई सब हो जाता है। ऐसे में लोगों में इस बात को लेकर काफी इन्टरेस्ट जाग रहा है।
किस देश में कितने भारतीय स्टूडेंट भारत सरकार से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस समाया लगभग 5 लाख स्टूडेंट मेडिकल और इंजीनियरिंग के पढ़ाई करने के लिए देश से बाहर गए हुए हैं। इनमें 10 प्रमुख देशों के नाम हम आपको दे रहे हैं जहां भारितीय स्टूडेंट वर्तमान में हैं।
चीन में 23 हज़ार स्टूडेंट। यूक्रेन में 18 हज़ार हज़ार स्टूडेंट। रूस में 16,500 हज़ार स्टूडेंट। फिलीपींस में 15 हज़ार स्टूडेंट। किरगिस्तान में 10 हज़ार स्टूडेंट। जॉर्जिया में 7,500 हज़ार स्टूडेंट।
बांग्लादेश में 5,200 हज़ार स्टूडेंट। कज़ाकिस्तान में 5,300 हज़ार स्टूडेंट। पोलैंड में 4 हज़ार स्टूडेंट। अमेरिका में 3 हज़ार स्टूडेंट।
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