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लखनऊ

Holashtak 2022: 10 मार्च से शुरू हो रहा है होलाष्टक, जानिए क्या नहीं करना चाहिए इन दिनों?

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से ही हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रह्लाद को यातनाएं देने की शुरुआत की थी। होलिका दहन तक भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई षडयंत्र रचे गए। इस वजह से इन 8 दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

लखनऊMar 03, 2022 / 12:08 pm

Vivek Srivastava

Holashtak 2022: 10 मार्च से शुरू हो रहा है होलाष्टक, जानिए क्या नहीं करना चाहिए इन दिनों?

Holashtak 2022: 10 मार्च से शुरू हो रहा है होलाष्टक, जानिए क्या नहीं करना चाहिए इन दिनों?

Holashtak 2022: 18 मार्च को होली (Holi 2022) है। इसके पहले फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक 8 दिनों तक होलाष्टक रहता है। इस दौरान मांगलिक और शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। हालांकि देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए ये दिन बहुत श्रेष्ठ माने गए हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार होलाष्टक शब्द होली और अष्टक से मिलकर बना है। इसका मतलब है होली के आठ दिन। होलाष्टक के दिनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान-वाहन की खरीदारी की मनाही होती है। इस वर्ष होलाष्टक 10 मार्च से शुरू हो रहा है जो 17 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan) के साथ समाप्त हो जाएगा। प्राचीन भारतीय ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक 8 ग्रह क्रमश: उग्र रहते हैं। इन ग्रहों में सूर्य, चंद्रमा, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु शामिल हैं।
क्या है पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से ही हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रह्लाद को यातनाएं देने की शुरुआत की थी। होलिका दहन तक भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई षडयंत्र रचे गए। इस वजह से इन 8 दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। वहीं फाल्गुन पूर्णिमा को हिरण्यकश्यप की बहन होलिका स्वयं जलकर मर गईं लेकिन प्रह्लाद जीवित बच गए। इसलिए होलिका दहन के साथ ये अशुभ वक्त समाप्त हो जाता है।
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वहीं ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक इन ग्रहों के उग्र रहने से मांगलिक कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस वजह से मांगलिक कार्य नहीं करते हैं। आइए जानते हैं कि होलाष्ट में किन-किन कार्यों को नहीं करना चाहिए।

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