– मंदिरों में चरणामृत और प्रसाद वितरण जैसी व्यवस्था पर लग सकती है अस्थायी रुप से रोक,
– दूर से ही होंगे मंदिरों में भगवान के दर्शन,
– गर्भगृहों में जाने पर लग सकती है रोक,
– मंदिर में दर्शन के लिए सुबह 6 से शाम 6 के बीच टाइम स्लॉट रखने पर विचार,
– श्रद्धालुओं को एसएमएस से दर्शन का समय देने की हो सकती है शुरुआत,
– एक घंटे में कितने भकत करें दर्शन, ये संख्या होगी तय,
– लंबी कतारों में दर्शन करवाने की व्यवस्था पर भी रोक,
– भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा पूरा ध्यान रखना,
– दर्शन के लिए टाइमस्लॉट एक दिन पहले शाम को ही तय करने पर विचार,
– मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए हार-फूल और प्रसाद पर लग सकती है रोक,
– मंदिरों में मिलने वाले अन्न प्रसाद आदि की व्यवस्थाओं में भी बदलाव,
– मंदिरों की सवारी और पालकियों पर भी लग सकती है रोक।
– किसी भी धार्मिक आयोजन पर कुछ दिनों तक जारी रहेगी रोक,
– निकाह जैसे अवसरों पर भी नहीं लगेगी ज्यादा भीड़,
– मदरसों में भी पढ़ाई के दौरान रखना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल
– किसी भी धार्मिक यात्रा को लेकर भी बदल सकते हैं कई नियम
– लॉकडाउन का प्रभाव देशभर के गुरुद्वारों पर पड़ना तय,
– लंगर में बैठने की व्यवस्था में भी किया जा सकता है बदलाव,
– गुरुद्वारों में होने वाली अरदास सहित अन्य उत्सवों में भी सोशल डिस्टेसिंग का रखना होगा पूरा ध्यान
– रविवार की प्रार्थना में ज्यादा लोगों के रहने पर भी लग सकती है रोक,
– चर्च में भी सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा पालन ख्याल,
– चर्च विवाह समारोह आदि में भी नहीं लगेगी ज्यादा भीड़
– संतों के विहार के समय रखनी होगी निर्धारित संख्या में लोगों की उपस्थिति,
– चातुर्मास जैसे आयोजनों में भी लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का बनेगा सख्त नियम
– ज्यादातर उत्सव और पब्लिक गैदरिंग वाले कार्यक्रमों को भी कुछ समय के लिए टालने पर विचार,
– भक्तों की कहीं न लगे भीड़, इसको लेकर भी तैयार होगी प्लानिंग।