राज्य में बढ़ी सीटें
इससे पहले प्रदेश के सात नए मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दे दी गई थी। इसमें पांच मेडिकल कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस सीटों और कानपुर देहात और ललितपुर मेडिकल कॉलेज में 50-50 सीटों पर एमबीबीएस की मान्यता दी गई थी। बता दें कि इसको लेकर सीएम योगी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी बात की थी। इसके बाद कॉलेज के प्रधानाचार्य ने मान्यता के लिए एनएमसी में अपील दायर की थी। इसमें पहली अपील में प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दी गई थी। इसी के साथ प्रदेश में अब कुल एमबीबीएस की 11200 सीटें हो गई हैं। इनमें सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 5150 और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 6050 एमबीबीएस की सीटें शामिल है।
इन 5 जिलों के मेडिकल कॉलेज को मिली मान्यता
डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से प्रदेश के पांच जिले औरैया, चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी और कौशांबी के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति और कानपुर देहात, ललितपुर की 50-50 सीटों के स्थान पर 100-100 एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सीटों पर प्रवेश की अनुमति के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष दोबारा अपील की गई थी। इसी क्रम में इन सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए अनुमति दे दी गई है। इन 7 जिलों में पहले ही मिल चुकी है मान्यता
वहीं, इससे पहले बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, कानपुर देहात, ललितपुर और सुल्तानपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए एनएमसी के समक्ष अपील की थी। ऐसे में एनएमसी ने पांच जिलों बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत और सुल्तानपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100-100 सीटों पर एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी थी, जबकि कानपुर देहात और ललितपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 50-50 सीटों पर एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी थी।
डीजीएमई ने बताया कि एनएमसी एक्ट 2019 की धारा 28 (6) के तहत यदि पहली अपील करने के बाद भी एनएमसी द्वारा एलओपी प्रदान नहीं की जाती है, तो उक्त धारा के तहत 30 दिन के अंदर दोबारा अपील की जा सकती है। इसी नियम के तहत दोबारा अपील की गई थी।