सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
दरअसल, देश में ग्रामीण बैंकों की शुरुआत 1975 से हुई थी। आज पूरे देश में करीब 43 ग्रामीण बैंक हैं। नवंबर 1993 के बजाए एक अप्रैल 2018 से ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों को व्यावसायिक बैंक के बराबर पेंशन और कंप्यूटर इन्क्रीमेंट का भुगतान किया जा रहा था। इसके खिलाफ बैंक एसोसिएशन द्वारा उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के बाद भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने 12 अगस्त को उच्चतम न्यायालय के समक्ष अतिरिक्त शपथ-पत्र दायर कर एक नवंबर 1993 से पेंशन व कंप्यूटर इंक्रीमेंट देने पर सहमति जताई। 70 हजार पेंशनरों को मिलेगा लाभ
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से पहले पेंशन और एरियर का भुगतान करने को कहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि भारत सरकार के शपथ-पत्र को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को यह आदेश दिया है। इसके साथ ही, 18 अक्टूबर तक आदेश पालन का हलफनामा समर्पित करने का आदेश दिया गया है।
डीएन त्रिवेदी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार
उत्तर प्रदेश के तीनों ग्रामीण बैंक प्रथमा बैंक, आर्यावर्त बैंक और बड़ौदा यूपी बैंक के 15 हजार सेवानिवृत्त कर्मियों व फैमिली पेंशनरों के साथ-साथ देश के सभी 43 ग्रामीण बैंकों के 70 हजार पेंशनरों को लाभ मिलेगा।