लखनऊ

गोमती रिवर फ्रंट स्कैम: CBI की राडार पर फिर आए शिवपाल, निशाने पर IAS भी

यूपी की सियासत में इस वक्त शिवपाल यादव का नाम चर्चाओं में बना हुआ है। बीते दिन सोमवार को ही सरकार ने शिवपाल की सुरक्षा घटा दी थी। अब उनका नाम गोमती रिवर फ्रंट स्कैम में उछला है।

लखनऊNov 29, 2022 / 09:06 am

Gopal Shukla

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2017 में सत्ता संभालते ही रिवरफ्रंट की जांच के आदेश दिए थे। मामले में एक बार फिर तत्कालीन सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव की जांच शुरू कर दी गई है। इसके अलावा दो बड़े अधिकारी भी पड़ताल के दायरे में हैं।

सीएम योगी ने रिवर फ्रंट स्कैम की न्यायिक जांच कराई थी। इस जांच मे बड़े स्तर पर अनियमितताएं पाई गई थीं। इसके बाद मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने इस स्कैम में कई इंजीनियर को गिरफ्तार किया है। अब CBI इस मामले में सपा सरकार में सिंचाई मंत्री रहे शिवपाल यादव और दो IAS अधिकारियों की फिर से जांच शुरू कर दी है। साथ ही CBI ने सरकार से पूछताछ की मंजूरी भी मांगी है।

भुगतान पूरा और काम अधूरा
समाजवादी सरकार ने साल 2014-2015 में गोमती रिवर फ्रंट के लिए 1513 करोड़ रुपए का बजट बनाया था। सपा शासन के दौरान ही 1437 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए थे। हालांकि बजट का 95 परसेंट पेमेंट होने के बावजूद 60 प्रतिशत काम पूरा नहीं हुआ था। जांच मे इसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया गया।

यूपी सरकार ने बीते सोमवार को शिवपाल सिंह यादव सुरक्षा घटा दी। ‘Z’ श्रेणी के कवर में चलने वाले शिवपाल अब ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा में चलेंगे। बीते 10 सालों से शिवपाल यादव को ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी।

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