प्रजापति ने कई सवालों पर पहले आरोप स्वीकार किए, फिर बाद में मुकर गए। कुछ सवालों पर वह चुप्पी साध गए व कुछ के बारे में जानकारी न होने की बात भी कही। इस बीच तबीयत बिगड़ने की बात पर चिकित्सकों को भी बुलाया गया और पूछताछ जारी की गई। लेकिन गायत्री फिर भी कई पैंतरे बदलते रहे। कुछ सवालों को वे बेबुनियाद बताने की कोशिश करते रहे तो कुछ पर कहा कि उन पर गलत आरोप लगाया जा रहा है।
ईडी की टीम ने अपनी इनटेरोगेशन में मुख्यतः उनकी संपत्ति से जुड़े सवाल पूछे। उनसे जवाब मांगा गया कि आखिर मंत्री रहते उनके पास आय से अधिक संपत्ति कैसे आई। संपत्ति में कितनी पैतृक है और कितनी उन्होंने अर्जित की है। इसी के साथ उनसे उन कंपनियों के बारे में भी जानकारी मांगी गई, जिनमें उनकी ऊपरी कमाई होने की बात सामने आ रही है। इस बीच ईडी ने उनकी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज दिखाए तो वे चुप्पी साध गए। ईडी ने गायत्री से उनके उन करीबियों व रिश्तेदारों की संपत्तियों के बारे में पूछताछ की जो गायत्री की बताई जा रही हैं। मंत्री रहते नियमों को दरकिनार कर किए गए पट्टों के कुछ आवंटन को लेकर भी उनसे सवाल किए गए।