राज्यपाल ने कहा कि डाॅ. अब्दुल कलाम ऐसे राष्ट्र नायक थे। जिन्होंने अपने कार्यों और विचारों से न केवल लोगों को प्रेरित किया, बल्कि युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हुए असम्भव को भी सम्भव कर दिखाने की प्रेरणा दी। उनकी दी हुई शिक्षाओं को हमारे युवाओं को आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने विज्ञान के साथ सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक क्षेत्र में भी कई नये विचार दिये। राज्यपाल ने कहा कि डाॅ. कलाम का कहना था कि युवाओं को यदि सही दिशा दिखाई जाए तो वे मानवता के लिए परिवर्तनकारी बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज डाॅ0 कलाम के सकारात्मक कार्य करते रहने की प्रवृत्ति को युवाओं को अपने जीवन से जोड़ने की जरूरत है।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी नये-नये आविष्कार करें और एक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में अपना योगदान दे। भारत को एक ऐसा देश बनाना है, जहां गांव-शहर का अन्तर न के बराबर हो, जहां सभी के लिए संसाधनों की समान उपलब्धता हो, जहां हर किसी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा और अच्छी शिक्षा मिले। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में प्रत्येक नागरिक की विशेष भूमिका है। उन्होंने कहा कि निरन्तर प्रयासों से और सबके साथ मिलकर हम इस सपने को साकार कर सकते हैं।
राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के विजन को आगे ले जाने में कलाम सेन्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लखनऊ में ‘कलाम किचन’ की शुरूआत उन लोगों के लिए की जा रही है, जिनकी आय में कोरोना महामारी के कारण कमी आई है। यह किचन अगले दो महीने तक 10 हजार से भी अधिक लोगों की मदद मासिक राशन किट देकर करेगा। ‘कलाम डिजिटल स्कूल’ के माध्यम से विद्यार्थी निःशुक्ल एनिमेशन द्वारा डा. कलाम से सीधे पढ़ सकते हैं।