गंगा व रामगंगा दोनों नदियों का जलस्तर अब 136.80 मीटर पर पहुंच गया है। दोनों ही नदियों में खतरे का बिंदु 137.10 मीटर पर है। बाराबंकी में घाघरा नदी के बढ़ रहे जलस्तर ने फिर बढ़ाई मुश्किलें
इस जिले में बाढ़ प्रभावित कुछ गांव ऐसे हैं, जहां रह रहे ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने अभी तक वहां कोई मदद नहीं पहुंचाई। यहां तक इन बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भी नहीं दी गई। उफनाई घाघरा तराई इलाकों में कहर बरपा रही है। पानी से भरने वाले गांवों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। वहीं रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसील के आधा दर्जन गांव और पानी से भर गए हैं।
50 गांवों में भरे पानी से लगातार बढ़ रहे जलस्तर से पट्टी भरखा, सैदापुर, कछुआ गाड़ा, भूड़रा, सबलपुर, लायकपुर, जगतपुर, उदयपुर, कुड़री सारंगपुर, करनपुर घाट, फुलहा, जटपुरा, रामप्रसाद नगला आदि समेत करीब 50 गांवों में पानी भर गया है।
मंझा निवासी संतोष कुमार, राजवीर, दिनेश कुमार ने बताया कि गंगा का पानी घरों में भर गया है। खाना बनाने में भी समस्या होती है। इसके अलावा सुंदरपुर व माखन नगला की ओर जाने वाले रास्ते कट गए हैं। इससे लोगों को निकलने में समस्या हो रही है।
हरदोई में गंगा, रामगंगा, गर्रा नदी में उफान गंगा, राम गंगा व गर्रा नदियों के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी होने के बाद कटिहारी क्षेत्र के लोगों पर संकट आ गया है ।जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा तहसील क्षेत्र के बाढ़ का जायजा अतिरिक्त मजिस्ट्रेटों को भेजकर करवाया जा रहा है। वही गोरिया गांव में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन द्वारा पीड़ितों को आर्थिक सहायता न मिलने की शिकायत की जिस पर दोनों अधिकारियों ने जल्द ही सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन दस दिन गुजर जाने के बाद भी पीड़ितों को सहायता के नाम पर एक कौड़ी तक नहीं मिली है । ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है। वहीं तहसील क्षेत्र में अब तक कई एकड़ भूमि नदियों की धार में समा चुकी।