31 मार्च की मध्यरात्रि से लागू टोल वृद्धि के बाद से टोल प्लाजा पर लगे सेंसर फास्टैग को क्विक रीड नहीं कर रहे हैं इसलिए टोल प्लाजा पर जाम का सिलसिला शुरू हो गया है। एनएचएआई के टोल लेन से एक मिनट से कम में वाहनों के निकलने का दावा भी फीका साबित हुआ है। दो दिन से हालात यह हो गए हैं कि टोल प्लाजा कर्मचारियों को हैण्डहेल्ड स्कैनर डिवाइस से फास्टैग को रीड करना पड़ रहा है। यह समस्या सबसे ज्यादा लखनऊ जाने के लिए नवाबगंज टोल प्लाजा में सामने आई है। साथ ही, हर टोल प्लाजा पर एनएचएआई ने चार फास्टैग सेल काउंटर खोलने का फैसला किया था लेकिन हर टोल प्लाजा पर इनकी दो से तीन ही संख्या मिली है।
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फेसबुक और इंस्टाग्राम पर किया सुसाइड का पोस्ट तो उत्तर प्रदेश पुलिस को जाएगा अलर्ट ये है टोल नाकों का हाल नवाबगंज टोल प्लाजा 13 लेन का है। प्रतिदिन औसतन 25 हजार वाहन यहां से गुजरते हैं पर यहां पर सेंसर के फास्टैग को रीड करने की सबसे ज्यादा समस्या है। दो दिन से यह समस्या दोगुना हो गई है इसलिए फास्टैग लेन में जाम भी लगने लगा है। सेंसर का नेटवर्क टोल के नए रेट को देर से रीड को कर रहा है। सेंसर को अपग्रेड करने की तैयारी की जा रही है।
अभी तक 95 फीसदी वाहनों फास्टैग लगे एनएचएआई (NHAI) प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर एनएन गिरि ने बताया कि नवाबगंज टोल प्लाजा पर सेंसर बदलने का प्लान किया गया है। जल्द ही बदल दिए जाएंगे तब टोल प्लाजा पर हैण्ड डिवाइस की जरूरत नहीं होगी। आकलन किया गया है तो पाया गया है कि अभी तक 95 फीसदी वाहनों में फास्टैग लगे हैं। 5 फीसदी अभी भी नहीं लगा रहे हैं।
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