सेवानिवृत्त न्यायाधीश और इस्लामिक विद्वानों से चर्चा
वक्फ संशोधन संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, “हमने बैठक में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब वक्फ बोर्ड को बुलाया है। हमारी कोशिश है कि सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चा करें, ताकि एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जा सके। हमने इस संबंध में बीते दिनों दक्षिण भारत का भी दौरा किया था। अब हम उत्तर भारत का रुख करेंगे। विभिन्न प्रदेशों का दौरा करेंगे। इस तरह से पहली बार जेपीसी इतने सारे लोगों से मिलने का काम कर रही है। आज की बैठक में हमने सेवानिवृत्त न्यायाधीश और इस्लामिक विद्वानों को भी बुलाया है। हमारी कोशिश है कि एक अच्छी रिपोर्ट तैयार करके उसे जमीन पर उतारा जा सके, ताकि वक्फ बोर्ड का उद्देश्य पूरा हो सके।”
‘संसद को कानून बनाने का हक’
वहीं, कुछ लोगों द्वारा इस बिल का विरोध किए जाने पर जगदंबिका पाल ने कहा, “कौन क्या कहता है। यह अलग विषय है। जेपीसी में हर किसी को अपनी बात रखने का पूरा हक है। मुझे या किसी और को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, यहां गौर करने वाली बात है कि जब सरकार ने इस बिल को चर्चा के लिए जेपीसी को सौंप दिया है, तो यहां सभी को अपनी बात रखने का पूरा हक है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वो कौन हैं। जेपीसी में सभी पार्टियों का प्रतिनिधित्व होता है। संसद को कानून बनाने का हक है।” शासन को सौंपेंगे रिपोर्ट
वहीं, बीते दिनों जेपीसी की बैठक में कल्याण बनर्जी द्वारा अभद्र व्यवहार किए जाने पर जगदंबिका पाल ने कुछ नहीं कहा। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हमारी कोशिश है कि कैसे भी करके हम शीर्ष नेतृत्व को एक बेहतर रिपोर्ट सौंप दें, जिससे आगे का काम आसान हो। उन्होंने आगे कहा कि यह लोकतंत्र है। लोकतंत्र में सभी को विरोध और समर्थन करने का हक है । जेपीसी को इस पर विस्तृत चर्चा करने का अधिकार है। हम इस पर चर्चा करके रिपोर्ट आगे शासन को सौंपेंगे।