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डॉ. सूर्यकान्त का इस प्रतिष्ठित पद पर चयन उनकी विशिष्टता और व्यापक अनुभव को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि उनके प्रमुख उद्देश्यों में इस जर्नल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना, गुणवत्ता में सुधार करना और चिकित्सकों, वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं के लिए शोध पत्र व नवीनतम जानकारी प्रदान करना शामिल रहेगा। यह भी पढ़ें
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प्रोफेशनल पृष्ठभूमि: डॉ. सूर्यकान्त अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। वे पूर्व में ICAA के राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन चेस्ट सोसाइटी, और नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन्स (एनसीसीपी) के प्रमुख भी रह चुके हैं। इसके अलावा, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) लखनऊ के अध्यक्ष और इंडियन स्टडी अगेंस्ट स्मोकिंग के महासचिव के रूप में भी उन्होंने कार्य किया है। वर्तमान में, वे राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के नॉर्थ जोन टास्क फोर्स के अध्यक्ष हैं, जहां वे छह राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों का नेतृत्व करते हैं। यह भी पढ़ें
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महत्वपूर्ण योगदान: डॉ. सूर्यकान्त को हाल ही में 2024 के लिए विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में शामिल किया गया। उनके नाम पर 900 से अधिक शोध पत्र और 22 पुस्तकों का श्रेय है। वे दो अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के भी हकदार हैं। इसके अलावा, 50 से अधिक शोध परियोजनाओं का निर्देशन और लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी उनके खाते में शामिल है। यह भी पढ़ें
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उनके कार्यों के लिए उन्हें अब तक 204 पुरस्कार मिल चुके हैं। वे पिछले 25 वर्षों से टी.बी., अस्थमा, लंग कैंसर और श्वसन रोगों के प्रति जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जिससे उन्होंने लाखों लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी है। यह भी पढ़ें