यह भी पढ़ें
Juhu Beach Ayodhya: अयोध्या में जल्द बनेगी मुंबई के जुहू जैसी ‘राम की पैड़ी चौपाटी’, योगी सरकार ने दी मंजूरी
जटिल सर्जरी और सफल परिणाम
सर्जरी विभाग के डॉ. रुद्रमणि की टीम ने मरीज को भर्ती करने के बाद हाथ की स्थिति का जायजा लिया। हाथ में गहरी चोट और लोहे के धंसने से जहर फैलने की संभावना थी, इसलिए डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी करने का निर्णय लिया। एनस्थीसिया विभाग के डॉ. अनुराग अग्रवाल की टीम ने बच्चे को बेहोशी दी, जबकि सर्जरी टीम में डॉ. रूद्रमणि, डॉ. हरेंद्र पंकज, डॉ. पायल चौधरी, और डॉ. विकास सिंह ने ढाई घंटे की सर्जरी के बाद बच्चे के हाथ से लोहे का बल्लम सफलतापूर्वक निकाल दिया। यह भी पढ़ें