कई क़ॉलेजों की नियुक्ति नहीं हुई विवि किसी भी कॉलेज को मान्यता देने से पहले शिक्षकों की नियुक्ति का अनुमोदन प्रमाणपत्र देखा जाता है। लेकिन कई क़ॉलेजों की नियुक्ति नहीं हुई है। इमनें गृहविझान, भूगोल, और ज्योतिर्विज्ञान विभागों में नियमित शिक्षक नहीं हैं। वैसे यहां शिक्षक की नियमित रूप से भर्ती नहीं है लेकिन जरूरत पड़ने पर किसी विशेषझ को बुला कर पाठ्यक्रम पूरा किया जाता है।
80 से ज्यादा नहीं ले सकते हैं कक्षाएं साल भर में शिक्षक 80 से ज्यादा कक्षाएं नहीं ले सकते हैं। बगैर शिक्षक वाले विभागों में परीक्षा करना कठिन हो जाता है। विवि के शिक्षकों को वेतन राज्य सरकार के अनुदान से मिलता है। इसलिए शिक्षकों के पद पर राज्य सरकार का नियंत्रण रहता है। पिछले कई सालों में कई सारे विभाग खुल तो गए हैं, लेकिन यहां शिक्षक अभी तक तैनात नहीं हैं। एक भी नियमित पद नहीं मिला है। यही वजह है कि नए विभागों में शिक्षक के बिना ही शिक्षा दी जा रही है। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों और विश्वविद्यालय की इस लापरवाही से विद्यार्थी परेशान हैं लेकिन कुछ किया नहीं जा रहा। पीएचडी करने के इच्छुक छात्रों को परेशानी हो रही है।