अभी तक मार्च 2022 तक 872 दवाओं को डीपीसीओ की जद में लाया गया था लेकिन 84 और दवाओं को लाकर कई कम्पनियों के एकाधिकार पर भी चोट की है। 15 साल से डायबिटीज रोगियों में सर्वाधिक प्रचलित सॉल्ट सीटाग्लिप्टिन फास्फेट-मेटफार्मिंग दवा एक ही कम्पनी बनाती रही, लेकिन पहली बार इसे डीपीसीओ में लाकर और कम्पनियों के लिए भी निर्मित करने के दरवाजे खोल दिए हैं। इससे मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकेंगीं। एनपीपीए ने इस बार दवाओं के दाम को कंट्रोल करने के लिए पावर (एमजी) यानी अधिकतम और न्यूनतम एमजी के हिसाब से दाम तय किए हैं, ताकि कम्पनियां एमजी में खेल कर अपने हिसाब से दाम तय कर मरीजों को महंगी दवा न बेच सकें।
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बकरीद पर कानपुर की गलियों में घूम-घूम कर बेचे जा रहे बकरे, जानिए बड़ी वजह सरकार ने दिया राहत फुटकर दवा व्यापार मंडल के चेयरमैन संजय मेहरोत्रा के अनुसार जरूरी दवाओं को डीपीसीओ में लाकर मरीजों को सरकार ने तोहफा दिया है। कई साल से मांग की जा रही थी जिसे अब पूरा किया गया है। हमारी मांग है कि सरकार सारी दवाओं को डीपीसीओ में लाकर भ्रम की स्थिति ही खत्म कर दे।
84 में नमूने के तौर पर इन दवाओं के दाम कम हुए साल्ट नेम — बीमारी — पुराने रेट — नए रेट -वोग्लीबोस-मेटफार्मिंग शुगर — 16.90(एक टेबलेट) — 10.47 -लाइनोजोलिड सीरप संक्रमण-निमोनिया — 130 — 102
-वोग्लीबोस-मेटफार्मिंग एसआर शुगर — 12.89 — 10.47 -रोसूवैस्टिेटिन-एस्पिरिन,ग्लिपोजेरल हार्ट — 19.70 — 13.91 – एम्लोडिपिन-टेलनासारटेन बीपी — 17.10 — 9.76 -एचसीक्यूएस गठिया-शुगर — 16.81 — 11.74 – सीटाग्लिप्टिन फास्फेट-मेटफार्मिंग- शुगर — 27 — 16.96